भोपाल: मध्यप्रदेश में प्रस्तावित लवजिहाद कानून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है।
इस कानून के प्रावधानों पर बोलते हुए प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि धर्मांतरण के लिए होने वाली शादियों पर अंकुश लगाने के लिए धर्म स्वातंत्र्य विधेयक जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। इसे और सख्त बनाने के लिए ‘लव जिहाद’ के आरोपी की संपत्ति जब्त करने और गुजारा भत्ते का प्रावधान भी जोड़ने पर विचार किया जा रहा है।
CM की उच्च अधिकारियों संग बैठक:
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कल राजधानी भोपाल में लवजिहाद या प्रलोभन, भय आदि के कारण होने वाले धर्मांतरण विरोधी कानून संबंधी बैठक में भाग लिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्रालय में उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020 के प्रारूप पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति अब किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर विवाह या अन्य किसी कपटपूर्ण साधन से धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा।
1-10 साल तक की सजा:
मुख्यमंत्री ने लवजिहाद कानून के बारे में बताया कि किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 01 वर्ष से 05 वर्ष का कारावास व कम से कम 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड होगा। नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के प्रकरण में 02 से 10 वर्ष के कारावास तथा कम से कम 50 हजार रूपए अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है।
आगे बताया इसी प्रकार अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 03 वर्ष से 10 वर्ष का कारावास एवं कम से कम 50 हजार रूपए अर्थदण्ड होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 05 से 10 वर्ष के कारावास एवं कम से कम 01 लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया जा रहा है।