रायपुर: भगवान श्री राम के प्रति राज्य के लोगो में आस्था बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने राम वन गमन पर्यटन( Ram Van Gaman) परिपथ परियोजना की आज शुरुआत की है। इस योजना के तहत भूपेश सरकार भगवान राम के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ भ्रमण पथ के महत्वपूर्ण स्थानों को विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करेगी।
नवरात्री के पहले दिन CM भूपेश बघेल(Bhupesh Bhagel) परियोजना के तहत चंदखुरी गांव में स्थित प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर को विकसित करने के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण होने के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के उद्घाटन समारोह में नृत्य, संगीत, लेजर शो एवं एलईडी रौशनियों के जरिए प्रभु श्री राम के वनवास एवं छत्तीसगढ़ में उनके प्रवास की कहानियाँ प्रस्तुत की जाएंगी।
“आइये चले आराध्य सियाराम के पद चिन्हो पर” थीम पर विकास
इस परियोजना के प्रचार प्रसार में लगी कांग्रेस सरकार ने इसे छत्तीसगढ़ का स्वाभिमान बताया है । साथ ही लोगो से श्री राम के पद चिन्हो पर चलने की अपील भी की है। सरकार कुल 2260 किलोमीटर लम्बी इस यात्रा में 9 पड़ावों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देगी। सीतामढ़ी हरचौका से शुरू होकर यह यात्रा रामाराम पर अंतिम रूप लेगी।
10 वर्ष छत्तीसगढ़ में थे श्री राम
आपको बता दे कि वनवास प्रवास के दौरान श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में लम्बा समय बिताया है, मान्यता है कि श्रीराम के साथ माता सीता और लक्ष्मण ने 10 साल छत्तीसगढ़ में बिताये थे। जिन जगहों पर भगवान राम आए थे, ऐसे 75 स्थानों को चिन्हांकित कर वैश्विक पर्यटन के अनुरूप विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम चरण में कोरिया से सुकमा तक 2260 किमी की लंबाई तक 9 जगहों को रामायणकाल के वातावरण के अनुकूल विकसित करने का कार्य जारी है।
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