देहरादून: तीर्थ पुरोहितों के लगातार विरोध के चलते उत्तराखंड की सरकार आज देवस्थानम बोर्ड पर अंतिम फैसला ले सकती है।
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने भेंट कर उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के सम्बन्ध में गठित मंत्रिमण्डलीय उप समिति की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर पुनर्विचार हेतु मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति रिपोर्ट बनी थी। वहीं रिपोर्ट के विस्तारपूर्वक परीक्षण एवं अध्ययन के पश्चात, कल मुख्यमंत्री को सौंपी गई।
मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में चारों धामों के हितधारकों, पंडा, पुरोहितों और पुजारियों द्वारा समय-समय पर विरोध के मद्देनजर वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत समाधान हेतु समिति ने यह रिपोर्ट तैयार की थी।
रिपोर्ट सौंपते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अच्छे काम में देरी नहीं होनी चाहिए।
गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वाली सरकार ने मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेने के लिए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। हालांकितीर्थ पुरोहितों व पंडा समाज द्वारा इसका व्यापक विरोध किया गया। वहीं 30 नवम्बर तक इसे वापस लेने की चेतावनी भी दी गई थी।
राज्य में इसी साल विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा इसपर ज्यादा देर नहीं कर सकती है। और लगभग सभी औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद आज मुख्यमंत्री बोर्ड के भंग होने या नहीं होने पर फैसला कर सकते हैं। हालांकि पिछले दिनों ही उन्होंने कहा था कि राज्य के हित में फैसला होगा।