भदोही: किस तरह से फर्जी खबरे प्रसारित कर समाज में विष घोलने की पूरी फ़ौज सोशल मीडिया पर भीम आर्मी ने बैठा रखी उसकी एक बानगी हमें भदोही किशोरी रेप केस में देखने को मिली।
भीम आर्मी मुखिया व उनकी पूरी गैंग ट्विटर पर फर्जी खबरे फ़ैलाने में महारत हासिल कर चुकी है। ऐसे ही प्रकरण में भीम आर्मी चीफ ने फर्जी खबर को फैलाते हुए दावा किया कि भदोही में एक किशोरी खुशबू यादव की रेप के बाद बर्बर हत्या कर दी गयी व उसके पुरे चेहरे को पूरी तरह जला दिया गया।
खबर को बड़े बड़े मीडिया संस्थानों ने भी कवर किया था। जिसके बिना प्रमाण जाने उन्होंने इसे बलात्कार कर हत्या करने के बाद शव को तेज़ाब से जलाने की फर्जी खबरे छाप दी गयी थी।
वहीं भीम आर्मी के ब्लू टिक धारी भी फर्जी खबरे फैलाने में भीम आर्मी चीफ के कंधो से कन्धा मिलाते दिखे। भीम आर्मी के नेता व फर्जी खबरों में महारत हासिल कर चुके सूरज बौद्ध ने इस फर्जी खबर को प्रसारित करते हुए दावा किया कि भदोही में किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या, चेहरे को तेजाब से जला दिया गया।
उन्होंने लिखा कि “उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक राज्य बन चुका है। चंदौसी, लखीमपुर खीरी, हापुड़, गोरखपुर, भदोही… हर जगह बच्चियों महिलाओं का जिस्म नोचा जा रहा है। भदोही में किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या, चेहरे को तेजाब से जला दिया गया। शर्म आती है इस क्रूर सत्ता पर।”
खबर की गंभीरता को देखते हुए हमने पूरी खबर का फॉलो अप करना शुरू किया तो पाया कि पोस्टमार्टम में पूरा मामला ही अलग है। दो बार अलग अलग डॉक्टर की टीम से कराये गए पोस्टमार्टम में यह साफ़ निकलकर सामने आया कि लड़की के साथ बलात्कार नहीं किया गया था। वहीं उसके शरीर को तेज़ाब से जलाने की खबरे भी झूठी निकली।
डॉक्टर के अनुसार लड़की की मौत पानी में डूबने से हुई है। जिसे मीडिया कर्मियों व भीम आर्मी ने अपनी सहूलियत अनुसार एक दम उलट बताया है।
वहीं पुलिस ने अपने जारी बयान में कहा कि नाबालिग लड़की खुशबू यादव के शव का पोस्टमार्टम पुनः 5 डॉक्टरों के पैनल से कराया गया था। PM रिपोर्ट में मृत्यु का कारण पानी में डूबने से होना पाया गया है। मृतका के साथ बलात्कार एवं तेज़ाब से जलाये जाने की पुष्टि नहीं हुई है।
नाबालिग लड़की खुशबू यादव के शव का पोस्टमार्टम पुनः 5 डॉक्टरों के पैनल से कराया गया था। PM रिपोर्ट में मृत्यु का कारण पानी में डूबने से होना पाया गया है। मृतका के साथ बलात्कार एवं तेज़ाब से जलाये जाने की पुष्टि नहीं हुई है।
1/3#BhadohiPolice pic.twitter.com/wTo2957IV8— BHADOHI POLICE (@bhadohipolice) August 20, 2020
समाज में चंद लाइक बटोरने के लिए ऐसी खबरे परोसना किस हद तक नुकसान पंहुचा सकता है इसका अंदाजा सहारनपुर दंगो से मशहूर हुए चंद्रशेखर अच्छे से जानते है।
Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem