खगड़िया: बिहार के खगड़िया (Khagadia SC ST Case) से SC-ST एक्ट (SC ST Act on Child) और छेड़खानी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहाँ कक्षा एक में पढ़ने वाले नौनिहाल पर अनुसूचित जाति की महिला से छेड़खानी करने और जातिगत अत्याचार करने का आरोप लगा है। हैरानी की बात तो यह है कि खगड़िया में थाने से लेकर डीएसपी ने पहली क्लास के बच्चे पर लगे आरोपों को सही करार दिया। इतना ही नहीं बिहार पुलिस ने बच्चे की गिरफ्तारी का भी आदेश दे दिया गया। उसके परिवार के लोग एसपी के पास पहुंच गये हैं। हैरान एसपी ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
दरअसल पूरा मामला खगड़िआ जिले के गोगरी थाना क्षेत्र के फतेहपुर गाँव का है। जहाँ एक अनुसूचित जाति से आने वाली महिला का गाँव के फुलरन यादव, अरविन्द यादव आदि से विवाद हो गया था। जिसमें महिला ने आरोपी पक्ष पर मारपीट, छेड़छाड़ और लूटपाट का आरोप लगाया था। महिला की शिकायत पर गोगरी थाना मे 4 आरोपितों पर एफआईआर दर्ज़ कर ली गयी थी।
महिला द्वारा बनाये गये गवाहों ने कहा कि उन्हें केस के बारे में कोई जानकारी नहीं
FIR के मुताबिक केस दर्ज कराने वाली महिला ने दो महिलाओं शोभा देवी और मीरा देवी को प्रत्यक्षदर्शी गवाह बनाया था। लेकिन गवाह बनायी गयी दोनों महिलाओं ने कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
पुलिस की जांच पर उठ रहे हैं सवाल
गोगरी थाने में एफआईआर दर्ज़ होने के बाद मामला मुख्यालय पहुंचा। जहाँ मामले में खगडिया के मुख्यालय डीएसपी रंजीत सिंह को सुपरविजन का जिम्मा सौंपा गया। डीएसपी रंजीत सिंह ने बिना सही जांच किये घटना को सही करार दिया। तथा मामले में चारो अभियुक्तों को अतिशीघ्र गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया। डीएसपी आदेश पर गोगरी पुलिस ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी। जिसके बाद बिहार की खगड़िया पुलिस की पोल खुल गयी।
कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी
छेड़खानी, जातिगत अत्याचार और लूटपाट का जो केस दर्ज कराया गया था उसमें कक्षा एक में पढने वाले बच्चे को भी अभियुक्त बना दिया गया था। गोगरी पुलिस ने डीएसपी साहब के आदेश पर बच्चे की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी। इतना ही नहीं मामले में अभियुक्त बनाये गये एक औऱ व्यक्ति अरविंद यादव बिहार के बाहर मजदूरी करता है जोकि कोरोना के बाद से गांव नहीं लौटा है।
फिर से की जाएगी जांच
चारों तरफ बिहार पुलिस की पोल खुल जाने के बाद एसपी ने मामले में दोबारा जांच के आदेश दिए है। गोगरी थाने और अपने डीएसपी के कारनामे सुनकर एसपी भी हैरान रह गये। पीड़ित पक्ष की मांग पर एसपी ने तत्काल मामले में दोबारा जांच के आदेश दे दिए गए। इतना ही नहीं एसपी ने आरोप सही पाए जाने पर गलत जांच करने वाले अधिकारियों पर भी कार्यवाई करने की बात कही है।
गाँव के मुखिया ने बताया पैसे वापस मांगने पर लगा दिया एक्ट
फलाना दिखाना से हुई बातचीत में गांव के मुखिया कृष्ण नन्द ने हमें बताया कि मामला पैसे को लेकर था। यादव परिवार ने कुछ पैसे उधार के रूप में दलित महिला को दिए थे जिसने वापस मांगने पर एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
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