नई दिल्ली: जमात ए इस्लामी से केरल में कांग्रेस के गठबंधन पर भाजपा ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। दरअसल कांग्रेस नेतृत्व वाले UDF ने केरल में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए जमात-ए-इस्लामी की पॉलिटिकल विंग वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया जैसे संगठन के साथ स्थानीय स्तर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
हालांकि कांग्रेस के इस गठबंधन पर भाजपा ने कड़ा विरोध जताया है। इस बारे में आज भाजपा ने दिल्ली में पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और कांग्रेस पर तीखे सवाल दागे हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि “जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रहे थे तो देश बहुत आश्चर्यचकित था कि कांग्रेस से ज़्यादा जमात ए इस्लामी के झंडे क्यों दिखाई दे रहें? आज़ादी के बाद पहली बार अपने आप को राष्ट्रवादी पार्टी कहने वाली कांग्रेस ने मुस्लिम लीग से भी समझौता किया था।”
नक़वी ने आगे कहा “उस समय कहा गया था कि ये गठबंधन की मज़बूरी है, जमात ए इस्लामी से भी यही राजनीतिक मज़बूरी हो और पीएफआई के साथ भी जो समझौते दिखाई पड़ रहे हैं, उसमें भी कांग्रेस को ये बताना चाहिए कि उसमें कौन सी मज़बूरी है।”
केंद्रीय मंत्री नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने संगठन पर अपने सरकार की कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि “पूरी दुनिया में जमात ए इस्लामी नाम के इस संगठन की गतिविधियां खून खराबे, आतंक से भरपूर और मानवता के खिलाफ दिखाई पड़ती है। लेकिन जब मोदी जी की सरकार आई तो कश्मीर में इनकी गतिविधियों के चलते इन पर प्रतिबंध लगाया गया। ऐसे संगठन जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हों, आतंकी संगठनों और उनकी जेहादी मानसिकता को प्रोमोट कर रहे हों। उनका कांग्रेस के साथ रिश्ता, कांग्रेस की बदली हुई मानसिकता को प्रदर्शित कर रहा है।”
अंत में नकवी ने कांग्रेस के साथ साथ RJD को भी लपेटे में लिया और कहा कि “हम तेजस्वी यादव जी से पूछना चाहते हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी के साथ तेजस्वी यादव की पार्टी का जमात ए इस्लामी और पीएफआई के साथ समझौता हुआ है क्योंकि उनका कांग्रेस के साथ समझौता हो चुका है। ये बात तेजस्वी यादव को बिहार की जनता को स्पष्ट करना होगा।”