अरुणांचल एसटी सूची में संशोधन पर कैबिनेट की मोहर, मिलेगा आरक्षण

ईटानगर (अ.प्र.) : पीएम श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश, 1950 में कुछ संशोधन करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन), 2018 संसद में प्रस्तुत करने का अनुमोदन किया है।

PIB के हवाले से मिली सूचना के अनुसार यह फैंसला अरुणाचल प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने के लिए किया गया है।

अरुणाचल की एसटी की सूची में निम्नलिखित परिवर्तन किए जाएंगे :



  1. क्रम संख्या 1 में ‘अबोर’ को हटाना, क्योंकि यह ठीक उसी तरह से है जैसा क्रम संख्या 16 में ‘आदि’ है।
  2. क्रम संख्या 6 में ‘खामप्ति’ के स्थान पर ‘ताई खाम्ती’ को शामिल करना
  3. क्रम संख्या 8 में ‘मिश्मी-कामन’ (मिजू मिश्मी), इदु (मिश्मी) और तराओं (डिगारु मिश्मी) को शामिल करना
  4. क्रम संख्या 9 में ‘मोम्बा’ के स्थान पर मोन्पा, मेम्बा, सरतांग, सजोलोंग (मिजी) को शामिल करना
  5. अरुणाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की सूची में क्रम संख्या 10 में ‘किसी नागा जनजाति’ के स्थान पर ‘नोक्टे’, ‘तांगसा’, ‘तुत्सा’, ‘वांचो’ को शामिल करना।

प्रस्तावित संशोधनों के लिए औचित्य ये हैं:



i.          ‘अबोर’ को हटाना – दोहराव को समाप्त करना

ii.     ‘खामप्ति’ को हटाना – ‘खामप्ति’ नामक कोई भी जनजाति नहीं है

iii.    ‘मिश्मी-कामन’, इदु और तराओं को शामिल करना – इसमें केवल ‘मिश्मी’ को शामिल किया गया है। जानकारी के अनुसार इस तरह का कोई समुदाय नहीं है।

iv.    मोन्पा, मेम्बा, सरतांग, वांचो को शामिल करना – इसमें ‘किसी भी नागा जनजाति’ को शामिल किया गया है। जानकारी के अनुसार राज्य में केवल यही नागा जनजातियां हैं।

v.     नोक्टे’, ‘तांगसा’, ‘तुत्सा’, ‘वांचो’ को शामिल करना – इसमें ‘किसी भी नागा जनजाति’ को शामिल किया गया है। जानकारी के अनुसार राज्य में केवल यही नागा जनजातियां हैं।

क्या होगा जब विधेयक अधिनियम बन जाएगा :



इस विधेयक के अधिनियम बन जाने के बाद अरुणाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की संशोधित सूची में अभी हाल ही में सूचीबद्ध समुदायों के सदस्य भी सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत अनुसूचित जनजातियों को दिए जा रहे लाभ को प्राप्त करने में समर्थ हो जाएंगे।

इस तरह की कुछ प्रमुख योजनाओं में मैट्रिक उपरांत छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति, नेशनल फेलोशिप, टॉप क्लास एजुकेशन, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम से रियायती ऋण अनुसूचित जाति के लड़कों-लड़कियों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं। इसके अलावा, ये सरकार की नीति के अनुसार सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में दिए जाने वाले आरक्षण का लाभ पाने के भी हकदार होंगे।

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