रूपनगढ़: राहुल गांधी पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में कृषि कानूनों के सहारे राज्य के किसानों को साधने में लगे हैं।
यह जहां कहीं भी जाते तो पार्टी के बड़े नेता की छवि को उतार कर एक पक्के किसान के रूप में दिखने का प्रयास करते। मंच पर पर कुर्सियां ना होकर चारपाई होती और राहुल गांधी उन चारपाई पर बैठ कर किसानों से संवाद करते।
राहुल जहां भी जाते तो राजस्थान कांग्रेस के नेता, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा उनके साथ होते।
लेकिन जब एक जमीनी नेता की छवि रखने वाले पायलट को मंच पर जगह ना दी गई तो कांग्रेस समर्थक बंट गए।
दरअसल राजस्थान के रूपनगढ़ में हाल ही में आयोजित किसान महापंचायत में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मंच से उतरने के लिए कह दिया गया जिस पर यूपी कांग्रेस के नेता व प्रियंका गांधी की करीबी प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस के भविष्य पर सवाल उठा दिए।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “सवाल सचिन पायलट के अपमान का नहीं है बल्कि कांग्रेस के भविष्य का है जब किसान महापंचायत में किसान नेता को पाले से नीचे लाते हैं तो किसानों को कैसे फायदा होगा”।
ज्ञात हो रूपनगढ़ की रैली की शुरुआत में सचिन पायलट अन्य नेताओं के साथ थी लेकिन जैसे ही राहुल गांधी मंच पर पहुंचे तो विधायक रामलाल जाट ने घोषणा
कर दी कि 4 लोगों के अलावा सभी मंच से उतर जाए, इन चार नेताओं में राहुल गांधी, अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा और केसी वेणुगोपाल शामिल थे।
पायलट समर्थक सचिन पायलट की अपमान का कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मान रहे हैं जिनकी पायलट के साथ रिश्ते अच्छे नहीं हैं, हाल ही में आयोजित किसान महापंचायत में दोनों नेता राहुल के साथ तो दिखे लेकिन कभी एक दूसरे से ना ही हाथ मिलाया और ना बात ही की।
आचार्य प्रमोद कृष्णम सचिन पायलट के समर्थन में नजर आए हैं, हाल ही में सोशल मीडिया पर सचिन पायलट की विशाल जनसभा को देखकर आचार्य ने पायलट को “मुख्यमंत्री भवः” का आशीर्वाद भी दिया था।