नईदिल्ली : जवाहर नवोदय विद्यालय समिति देश भर में उन छात्रों के लिए एक ऐसा आवासीय स्कूल है जो गाँवों से आते हैं | गरीब, दलित छात्रों के पढ़ने का सपना इन्ही हास्टल वाली स्कूलों में पूरा हो पाता है क्योंकि देश में ज्यादातर प्राइवेट स्कूल पढ़ाई के नाम पर भारी भरकम फीस वसूलते हैं |
2013-17 के बीच 49 छात्रों नें की आत्महत्याएं : RTI में खुलासा
अपने बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए मशहूर जवाहर नवोदय स्कूल पिछले कुछ सालों से एक गंभीर समस्या से गुजर रहा है | इंडियन एक्सस्प्रेस में प्रकाशित एक खबर के अनुसार RTI में खुलासा हुआ है कि नवोदय स्कूलों में पिछले 5 सालों में आत्महत्याओं का आंकड़ा 50 के पास पहुंच गया है |
एक आंकड़े के अनुसार कुल 49 आत्महत्याएं की गईं जिसमें 42 छात्रों नें फांसी लगाकर आत्महत्याएं की हैं | जिनकी बाडी या तो छात्रों के दोस्तों को मिली या स्कूल स्टाफ को |
दूसरा आंकडा और परेशान करने वाला है कि इसमें 11 छात्र 11वीं कक्षा के थे और 15 छात्र कक्षा 12 के | इसमें आधे से अधिक छात्र दलित थे या जनजातीय यानी ऐसे में सरकार के लिए ये समस्या काफ़ी सोचने वाली है |
सरकार नें पिछले सत्र में किए 2860 करोड़ रुपए खर्च, परीक्षा परिणाम बेहतर :
नवोदय विद्यालय की शुरुआत साल 1985-86 में हुई थी जिसके बाद से इसका स्तर लगातार बढ़ता चला गया | और यह आज पूरे देश में अपने उत्कृष्ट परीक्षा परिणामों के लिए पर्याय बन चुकी है |
नवोदय विद्यालय की एक आधिकारिक सूचना के अनुसार पिछले बजट यानी 2016-17 में सरकार नें स्कूल को कुल 2860.06 करोड़ रुपए दिए थे | जिसमें से 2555.32 करोड़ रुपए स्कूल नें विभिन्न कामों में खर्च किया | इसके अलावा 304,74 करोड़ क्लोजिंग बैलेंस के रूप में बचे थे |
अब बात करें पिछले कुछ सालों के परीक्षा परिणामों की तो इस स्कूल के आसपास न तो प्राइवेट स्कूल हैं न CBSE के और स्कूल | इसका परिणाम कक्षा 10 का 99% रहा बल्कि 12वीं में ये परिणाम 95% रहा |