अयोध्या (UP): भूमि पूजन को लेकर कई राम भक्त मुस्लिमों ने कहा कि उन्होंने धर्म परिवर्तन किया है पूर्वज नहीं।
हिंदू और मुस्लिम के बीच दशकों पुरानी कानूनी लड़ाई के बावजूद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने वाला है। वहीं राम मंदिर के लिए न केवल सनातन हिंदू प्रतीक्षा रत हैं बल्कि इसमें भगवान राम के मुस्लिम भक्तों के बीच भी लाइनें लग गई हैं।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की ऐसी ही एक रिपोर्ट के मुताबिक फैज़ खान छत्तीसगढ़ में अपने पैतृक गाँव से मंदिर के लिए ईंटें लेकर जा रहे हैं, जहाँ अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन का गवाह बनेंगे।
TOI ने कम से कम पांच मुस्लिम भक्तों, राजा रईस, वसी हैदर, हाजी सईद, जमशेद खान और आज़म खान से बात की, जो राम को-इमाम-ए-हिंद ’मानते हैं और कई राजपूतों के पूर्वज हैं, जिन्होंने बाद में इस्लाम अपना लिया। टीओआई से बात करते हुए, जमशेद खान, राम भक्त और फैजाबाद के निवासी, ने कहा, “हमने इस्लाम में परिवर्तित किया और इस्लाम के अनुसार प्रार्थना की एक प्रणाली अपनाई, लेकिन हमारे धर्म को बदलने से हमारे पूर्वजों को नहीं बदला। हमें विश्वास है कि राम हमारे पूर्वज थे और हम अपने हिंदू भाइयों के साथ मनाएंगे।”
सईद अहमद, जो मक्का गए हुए हैं और हज करते हैं, एक कट्टर मुस्लिम हैं, लेकिन राम भक्त भी हैं। उन्होंने कहा कि “हम भारतीय मुस्लिम मानते हैं कि राम इमाम-ए-हिंद थे और मैं मंदिर निर्माण का जश्न मनाने के लिए अयोध्या में रहूंगा।”
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रभारी अवध प्रांत प्रभारी डॉ अनिल सिंह ने भी टीओआई से पुष्टि की कि राम भक्त, फैज़ खान का अयोध्या में आगमन उनके गृह राज्य छत्तीसगढ़ से ईंटों के साथ हुआ। उन्होंने कहा, “भारत भर से कई मुस्लिम कारसेवक हैं, जो उत्सव में भाग लेने के लिए मंदिर शहर आ रहे हैं।”
फैजाबाद के निवासी रशीद अंसारी ने कहा, “यह एक आशीर्वाद होगा, अगर हमें गर्भगृह में प्रवेश करने का मौका मिलता है, जहां नींव प्रधानमंत्री द्वारा रखी जाएगी। यदि सुरक्षा घेरा में हमें रोकती है, तो हम दूर से पल का जश्न मनाएंगे।”
“Changing our religion, doesn’t change our ancestors.” Muslim Ram Bhakts on way to Ayodhya for celebrations. pic.twitter.com/a1hrypdpOh
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) July 27, 2020
राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर अयोध्या में तैयारियां जोरों शोरों से हैं। प्रधानमंत्री जिस रास्ते से जाएंगे वहाँ सभी जगह आकर्षक साज सज्जा भी की गई है।
Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। Paytm, PhonePe, Bhim UPI, Jio Money, व अन्य किसी वॉलेट से से डोनेट करने के लिए PAY NOW को दबाने के बाद अमाउंट व मोबाइल नंबर डाले फिर ‘Other’ में जाकर वॉलेट ऑप्शन चूज करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’
Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!