मध्यप्रदेश में उपचुनाव के प्रचार के बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा दलित कैबिनेट मंत्री इमरती देवी पर आइटम वाली टिप्पणी से कांग्रेस बुरी तरह फंस चुकी है।
कल ही मध्यप्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति सहसंयोजक के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से भेंट कर कमलनाथ द्वारा कैबिनेट मंत्री इमरती देवी के खिलाफ़ अमर्यादित टिप्पणी (आइटम) करने पर उनके खिलाफ़ कार्रवाई हेतु शिकायत दर्ज कराई थी।
दलित संगठन द्वारा एट्रोसिटी एक्ट लगाने की माँग:
कमलनाथ की टिप्पणी से दलित संगठन भी भड़क गए हैं। इसी कड़ी में एससी एसटी कल्याण एवं विकास समिति ने मध्यप्रदेश पुलिस के महानिदेशक से एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दायर करने की माँग की गई है। संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर योगेश आत्रेय ने कहा कि “डीजीपी एमपी कृपया दलित समाज की बेटी हमारी बहन इमरती देवी के विषय में सार्वजनिक तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर SCST Act मे FIR दर्ज कर क़ानूनी कार्यवाही करने का कष्ट करें।”
महिला आयोग का नोटिस:
पूर्व एमपी सीएम कमलनाथ द्वारा मंत्री इमरती देवी पर की गई ‘आइटम’ वाली टिप्पणी का राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग कमलनाथ को नोटिस जारी करने के साथ साथ चुनाव आयोग को एक शिकायती पत्र भी लिखेगा।
कांग्रेस आलाकमान मांगे माफी:
कमलनाथ की टिप्पणी पर बसपा ने भी मोर्चा खोल दिया है। आज एक बयान में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि “मध्यप्रदेश में ग्वालियर की डाबरा रिजर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव लड़ रही दलित महिला के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम द्वारा की गई घोर महिला-विरोधी अभद्र टिप्पणी अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय। इसका संज्ञान लेकर कांग्रेस आलाकमान को सार्वजनिक तौर पर माफी माँगनी चाहिए।”
आगे मायावती ने कांग्रेस को सबक सिखाने की बात करते हुए कहा कि साथ “कांग्रेस पार्टी को इसका सबक सिखाने व आगे महिला अपमान करने से रोकने आदि के लिए भी खासकर दलित समाज के लोगों से अपील है कि वे एम.पी. में विधानसभा की सभी 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में अपना वोट एकतरफा तौर पर केवल बी.एस.पी. उम्मीदवारों को ही दें तो यह बेहतर होगा। “