रोहतास: बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। नितीश कुमार की NDA के सामने तेजस्वी यादव का महागठबंधन है। ये जगजाहिर है कि बिहार में दशकों से जातिगत राजनीति का वर्चस्व रहा है। और एक दूसरी जाति के खिलाफ लामबंदी कर वोटें बटोरा जाता रहा है। वहीं बिहार में 15 सालों तक राज करने वाली लालू यादव की पार्टी RJD सवर्णों के प्रति हमलावर रही।
ऐसा ही कुछ अब बिहार के रोहतास स्थित डिहरी विधानसभा क्षेत्र में नजर आया। जहां अपने प्रत्याशी फतेह बहादुर के लिए जनसभा करने पहुंचे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कुछ ऐसी बात कही, जिससे नया विवाद शुरू हो सकता है।
तेजस्वी यादव ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब लालू यादव का राज था तो गरीब सीना तान के (बाबू साहब) राजपूतों के सामने चलते थे। तेजस्वी यादव की टिप्पणी ने डिहरी विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में सियासी भूचाल ला दिया है।
बयान के बाद तुरंत पलटी भी:
बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी एक जमाने में कहा था कि ‘भूरा बाल’ साफ करो, यानि भूमिहार, राजपूत ,ब्राह्मण, लाला को खत्म करो। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने भी कुछ इसी अंदाज में रोहतास की इस चुनावी सभा के दौरान अगड़ी जाति के बारे में टिप्पणी की है। हालांकि, उन्हें शायद इस बात का अहसास हो गया यही वजह है कि जल्दी ही उन्होंने बात को संभालते हुए कहा कि हमारी सरकार आएगी तो हम सबको साथ लेकर चलेंगे।
संसद में आकर खुले तौर पर चाहे सवर्ण आरक्षण का विरोध हो या भूरा बाल का नारा। ऐसे ही सोशल मीडिया पर RJD खुद सवर्णों खासकर ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले व जातिवादी बयान देती रही है।
सोशल मीडिया पर सवर्ण विरोधी बयान:
बिहार विपक्ष की पार्टी ने तब के आजतक पत्रकार निशांत चतुर्वेदी के बहाने अगड़ी जातियों के लिए कहा था कि “अरे चाट यूवेर्दी, इतना ब्राह्मणवादी घृणा लाते कहा से हो ? तुम्हारे पापा मोदी खुद ट्वीट करते है ? बाथरूम तक आना जाना है ?”
आगे RJD ने बयान में जोड़ते हुए कहा था कि “जानते हो ट्वीटर हमें कौन सी ख़ुशी सबसे ज्यादा देता है ? जब हमारे शब्दों से तुम ब्रह्मणवादियो, सवर्णवादियो के छाती पर तिलमिलाहट से सांप लोटता है ना, वही।”
रघुवंश प्रसाद ने सवर्ण आरक्षण पर मानी थी चूक:
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कद्दावर नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह ने लोकसभा 2019 में चुनावों के बाद मई में दिए बयान में माना था कि कि राजद को सवर्ण आरक्षण का विरोध करना नुकसानदेह रहा।
ABP पत्रकार के पूछे गए सवाल “आपको लगता है कि सवर्ण आरक्षण का विरोध इस बार आपको भारी पड़ रहा है”, पर रघुवंश प्रसाद नें कहा था कि “गलतफहमी से कुछ नुकसान हुआ है, घोषणापत्र में हमारे है सवर्ण को आरक्षण देने का, लेकिन लोग सब जाने नहीं। राज्यसभा में ख़िलाफ़ में वोट डाल दिए, लोकसभा में तो बच गए पर राज्यसभा में ख़िलाफ़ में वोट डाल दिए तो उससे नुकसान हुआ है।”