किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजे का प्रावधान नहीं: लोकसभा में केंद्र सरकार

नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर लगभग 70 दिनों से केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन जारी है। वहीं केंद्र सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को कोई मुआवजा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। 

यह बात कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कही। इस सवाल पर कि क्या सरकार के पास कानूनों को निरस्त करने की कोई योजना है, मंत्री ने कहा कि हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कृषि कानूनों को लागू किया गया है। उन्होंने यह भी कहा, इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है।

गौरतलब है कि वर्तमान में बजट सत्र चल रहा है। कल 1 जनवरी को केंद्रीय बजट 202 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश कर दिया गया। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, एमएसपी प्रणाली मजबूत होगी व किसानों को भुगतान में भी तेज वृद्धि होगी।

बजट में किसानों के लिए क्या था: 

  1. ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष के लिए आवंटन 30,000 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रूपए किया गया।
  2. नाबार्ड के अंतर्गत 5000 करोड़ रूपए के कोष के साथ बनाये सूक्ष्म सिंचाई कोष को दोगुना कर दिया जायेगा।
  3. ई-नाम से कृषि बाजार में जो पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा देखने में आयी है उसको ध्यान में रखते हुए 1000 और नई मंडियों को ई-नाम के अंतर्गत लाया जायेगा। इन्हें मिलकर अब देश भर में कुल 2000 मंडियां हो जाएँगी। 
  4. मनरेगा के लिए वर्ष 2021-22 में 73 हज़ार करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। वर्ष 2020-21 में 61500 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान था।
  5. देश के किसानों को पर्याप्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने और अधिक से अधिक किसानों तक KCC का लाभ पहुँचाने के लिए वित्तीय वर्ष 2022 में कृषि ऋण के लक्ष्य को 15 लाख करोड़ रूपए से बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रूपए किया गया है।
  6. बजट 2021 में ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के अंतर्गत टमाटर, प्याज और आलू से लेकर 22 पेरीशेबल उत्पादों को शामिल किया जाएगा। 

बजट जनहितकारी: कृषि मंत्री

इस बजट पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मैं इस जन उपयोगी और जन हितैषी बजट का हृदय से बहुत – बहुत स्वागत करता हूँ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को बधाई देता हूँ।

इसके अलावा सरकार ने कहा है कि धान के लिए 2013-14 में 62,264 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। 2019-20 में यह राशि बढ़कर 1,40,857 करोड़ रुपये हो गई। 2020-21 में स्थिति और बेहतर हुई और इस अवधि में यह राशि बढ़कर 1,72,752 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

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