भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि प्रदेश में माफिया के विरुद्ध अभियान निरंतर जारी है। चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर प्रभावितों को पैसे वापस कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश के बाहर भी टीमें भेजकर बच्चों की रिकवरी कराई गई है। मुख्यमंत्री चौहान मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले, मंत्रियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में 1271 भू-माफियाओं से 2000 हेक्टर भूमि मुक्त कराई गई, जिसकी लागत 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि चिटफंड कंपनियों से 50 हजार लोगों की 800 करोड़ की राशि वापस कराई गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत मिलावटी सामान बनाने वाले 6 कारखानों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसी प्रकार राशन की कालाबाजारी में लिप्त अधिकारी की संपत्ति जप्त कर जनता में राशन वितरित किया गया। इंदौर में हुई इस कार्यवाही का प्रभावी असर हुआ है। राशन की कालाबाजारी में लिप्त 331 लोगों पर कार्यवाही हुई है ।
कटनी में चिटफंट कंपनी की 150 करोड़ की 75 एकड़ भूमि कुर्क की गई। ग्वालियर में चार संपत्तियाँ जिसकी कीमत लगभग 67.37 लाख रूपये है, नीलामी की गई। मंदसौर में 37 करोड रूपये, सिंगरौली में 10 करोड़ रूपये कीमत की 22 हेक्टेयर भूमि, बड़वानी में 9 करोड़ रूपये, उज्जैन में 7 करोड़ 75 लाख रूपये, छतरपुर में 3 करोड़ 46 लाख रूपये, देवास में 3 करोड़ 63 लाख रूपये और अलीराजपुर में 3 करोड़ 16 लाख रूपये मूल्य की संपत्तियाँ कुर्क की गई। बैठक में चिटफंड कंपनी के विरूद्ध कार्यवाई कर निवेशित राशि वापस कराने के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान व्यापक स्वरूप में चलाया जाए। अवैध शराब के विरूद्ध आक्रमक रूप से अभियान चलाये तथा ऐसी शराब जो लोगों के जीवन से खिलवाड़ करती हो, उसके व्यापार में लगे व्यक्तियों को किसी भी स्थति में छोड़ा न जाए। समीक्षा बैठक में अवैध शराब के प्रकरणों में पाइजन एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई पर विचार-विमर्श हुआ।
बैठक में जानकारी दी गई कि अक्टूबर से दिसम्बर तक 20 हजार 835 प्रकरण दर्ज किए गए, जिसमें 61 हजार 723 लीटर देशी और 28 हजार 916 लीटर विदेशी शराब, 1 लाख 34 हजार 475 लीटर कच्ची शराब जप्त की गई। इस कार्यवाई में 20 हजार 393 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। देशी-विदेशी अवैध शराब के विरुद्ध कार्यवाही करने में जबलपुर, झाबुआ, राजगढ़, मुरैना और इंदौर जिला आगे रहे।