नई दिल्ली: देश के 100 मदरसों में दी जाएगी गीता और रामायण की शिक्षा, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्राचीन भारतीय विरासत से जुड़े पाठ्यक्रम करेगा लागू।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के हिस्से के रूप में 100 मदरसों में प्राचीन भारतीय ज्ञान और विरासत पर अपने नए पाठ्यक्रम को पेश करेगा। NIOS के अध्यक्ष सरोज शर्मा ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान NIOS, कक्षा 3, 5 और 8 के लिए एक बुनियादी पाठ्यक्रम शुरू करेगा। “
एनआईओएस ने ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ पर 15 पाठ्यक्रम तैयार किए हैं, जिनमें वेद, योग, विज्ञान, व्यावसायिक कौशल, संस्कृत भाषा, रामायण महाकाव्य कथाएँ, भगवद गीता उपदेश और पाणिनि-प्रवर्तित महेश्वरा सूत्र शामिल हैं। ये पाठ्यक्रम प्राथमिक शिक्षा के वर्ग 3, 5 और 8 के बराबर हैं।
दरअसल कल 2 मार्च को नोयडा में भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रमों की अध्ययन सामग्री का विमोचन माननीय शिक्षा मंत्री, रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए, पोखरियाल ने कहा, एनआईओएस पहले से ही देश और विदेश में भारतीय ज्ञान परंपरा को फैलाने के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया, एनआईओएस द्वारा माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर के लिए वैदिक अध्ययन, संस्कृत व्याकरण, भारतीय दर्शन, संस्कृत साहित्य और संस्कृत भाषा पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं।
उन्होंने कहा, उनकी अध्ययन सामग्री संस्कृत और हिंदी भाषा में शिक्षार्थियों के लिए उपलब्ध है। इनका अंग्रेजी माध्यम में अनुवाद भी किया जा रहा है और आगे इन सभी विषयों को विदेशों में भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख विदेशी भाषाओं में तैयार करने की भी योजना बनाई जा रही है।
मंत्री ने कहा कि एनआईओएस द्वारा तैयार यह पाठ्यक्रम सामग्री नई शिक्षा नीति की मूल भावना को दर्शा रही है। उन्होंने कहा, एनआईओएस ने भारतीय संस्कृति, विरासत, दर्शन और प्राचीन ज्ञान को आधुनिक संदर्भों के साथ नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए जो प्रयास किया है, वह मील का पत्थर साबित होगा।
NIOS माध्यमिक, वरिष्ठ माध्यमिक स्तर और व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में मुक्त और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से स्कूली शिक्षा प्रदान करता है। NIOS ने ओपन बेसिक एजुकेशन प्रोग्राम के सभी तीन स्तरों पर संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में भारतीय ज्ञान परंपरा के 15 पाठ्यक्रम तैयार किए हैं जैसे वेद, योग, विज्ञान, व्यावसायिक कौशल और संस्कृत भाषा विषय। ये पाठ्यक्रम तीसरी, 5 वीं और 8 वीं कक्षाओं के बराबर हैं।