मुंबई: मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह पर एक पुलिस अधिकारी की शिकायत पर एससी-एसटी ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
यह एफआईआर इंस्पेक्टर बीआर घडगे के द्वारा दर्ज कराई गयी है। इंस्पेक्टर बीआर घडगे ने कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री और गृहंत्री को चिट्ठी लिखकर परमबीर सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। घडगे ने यह भी आरोप लगाया था कि पिछड़ी जाति का होने की वजह से उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया था। इन्हीं आरोपों को लेकर परबमीर सिंह समेत 33 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर की गई है।
इंस्पेक्टर बीआर घडगे महार समुदाय से आते हैं, जो कि अनुसूचित जाति की श्रेणी में है। हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, घडगे ने परमबीर सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने साल 2013 में उनके कुछ अवैध आदेशों को नहीं माना था। जिसके बाद कल्याण नगरपालिका मामले में परमबीर सिंह ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए दूसरों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा ताकि उन्हें परेशान किया जा सके। घडगे ने आरोप लगाया है कि सिंह ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह महार है और दलित जाति से ताल्लुक रखते हैं।
बीआर घडगे द्वारा दर्ज एफआईर में 32 अन्य पुलिसकर्मियों का भी नाम है, जो सिंह के कमिश्नर रहते हुए ठाणे पुलिस थाने में तैनात थे। मामले में एससी-एसटी ऐक्ट की कुछ धाराओं समेत 27 धाराएं लगाई गई हैं।
परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री पर लगाए थे वसूली के आरोप
परमबीर सिंह पर हुई एससी एसटी एक्ट के तहत FIR को राजनितिक रंजिश के रूप में भी देखा जा रहा है। उन्होंने कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उन्हें हर माह 100 करोड़ रूपए वसूलने का टारगेट दिया था। जिसे ना पूरा करने पर सरकार ने उनका डिमोशन किया है। आरोपों पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद CBI जाँच गठित की गई है।
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