बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार कोरोना संकट में पुजारियों की मदद के लिए आगे आई है। सरकार ने पुजारियों को भोजन किट व अनुदान प्रदान करने का फैसला किया है।
राज्य सरकार ने लॉक डाउन के दौरान प्रभावित पुजारियों को खुशखबरी दी है। इस हिसाब से 27,000 मंदिरों के पुजारियों को 3 महीने पहले का अनुदान जारी किया जा चुका है। ‘सी’ ग्रेड मंदिर के कर्मचारियों को किराने का सामान उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।
मुजराई मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने कहा कि मुजराई विभाग ने 50,000 पुजारियों को भोजन किट वितरित करने का निर्णय लिया है। सरकार की ओर से कुल 4.50 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
बीते दिनों कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड (कर्नाटक सरकार) के अध्यक्ष एचएस सच्चिदानंदमूर्ति के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ब्राह्मण समुदाय के गरीबों की मदद के लिए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और वित्त मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी से कोविड 19 की पृष्ठभूमि पर मुलाकात की थी। मुजराई विभाग ने पुजारियों और कर्मचारियों को अनुदान और किराने का सामान उपलब्ध कराने के लिए एक आदेश जारी किया है।
गुरुवार की सुबह, तीन प्रतिनिधिमंडल- ब्राह्मण विकास बोर्ड और वीरशैव-लिंगायत विकास बोर्ड – सीएम येदियुरप्पा से मिले। येदियुरप्पा ने 35,000 हिंदू मंदिर पुजारी, ब्राह्मण विकास बोर्ड और लिंगायत विकास बोर्ड सहित सभी तीन पैरवी समूहों को सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, और तत्काल सहायता के लिए मुजराई मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी से मुलाकात की।
तदनुसार, पुजारी ने घोषणा की कि सरकार राज्य के सभी 35,000 पुजारियों को 6,000 रुपये प्रति माह की दर से तीन महीने का मानदेय और खाद्य किट देगी।
बता दें कि ऑल कर्नाटक हिंदू टेम्पल्स एसोसिएशन ऑफ ऑल कर्नाटक हिंदू टेम्पल्स ने मुजराई मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी से अपील की थी। जिसमें कहा गया था कि पुजारी और मंदिर के कर्मचारी लॉकडाउन के कारण संकट में हैं। उन्होंने मांग की कि संबंधित मंदिरों में धन का उपयोग करके धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। मंदिरों में पूजा का खर्च और पुजारियों का वेतन नहीं बढ़ा है। ग्रामीण इलाकों में पुजारी और कर्मचारी गंभीर संकट में हैं। उन्होंने तत्काल राहत और खाद्य किट वितरण की मांग की थी।
कई अपीलों के बाद सरकार अब सतर्क हो गई है और आखिरकार सी-क्लास मंदिरों के पुजारियों और कर्मचारियों को भोजन किट वितरित करने का आदेश दिया है। जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जिले के ए और बी मंदिरों के चावल में उपलब्ध चावल व अन्य अनाज को भोजन किट बनाकर सी-श्रेणी के पुजारियों और कर्मचारियों को वितरित करें।
खाद्यान्न उपलब्ध नहीं होने पर सरकार ने केवल मंदिर के पुजारियों और ए-बी मंदिर कोष के कर्मचारियों को भोजन किट वितरित करने का आदेश जारी किया है। इससे पहले, पुजारी संघ के महासचिव केएसएन दीक्षित ने सरकार से उन सभी 35,000 मंदिरों को राहत देने का अनुरोध किया था जो मुजराई विभाग के अधिकार क्षेत्र में हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक दान विभाग के 35,000 से अधिक मंदिर पुजारी मुश्किल में हैं। कुछ लोग बीमारी से जूझ रहे हैं। दवा के लिए पैसे नहीं, इलाज के लिए नहीं। सभी पुजारियों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा था कि अब चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं और मंदिरों में नियमित पूजा करना कठिन होता जा रहा है। दीक्षित ने अनुरोध किया था कि आज की कीमतों के अनुरूप भत्ते को बढ़ाकर 250 रुपये प्रतिदिन किया जाए।