हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में ज़मीन कब्जाने का विरोध करने पर मारपीट व एससी एसटी एक्ट लगाने का मामला सामने आया है।
जिले के ग्राम मकड़ी मार्कण्ड में निवास करने वाले प्रताप सिंह ने धर्मदास को घर बनाने के लिए कुछ भूमि दे दी थी। आरोप है कि धर्मदास धीरे धीरे प्रताप सिंह की अन्य भूमि को कब्जाने लगा था। जब प्रताप सिंह ने अपनी ही जमीन पर धर्मदास द्वारा अवैध कब्जे का विरोध किया तो धर्मदास और उसके बेटो ने प्रताप सिंह के परिवार पर लाठी डंडे, रॉड व पत्थर से हमला कर दिया।
हमले में युवती सपना सिंह को भारी चोटे आई हैं। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक युवती की नाक की हड्डी टूट गयी है। जिसके बाद झूठे दलित उत्पीड़न के आरोपों में अब गिरफ़्तारी की तलवार पीड़ित परिवार पर लटक रही है।
मारपीट कर दर्ज कराया एससी एसटी एक्ट
भूमि पर अतिक्रमण रोकने पर हुए विवाद में धर्मदास द्वारा पहले तो प्रताप सिंह के परिजनों से मारपीट की गई। साथ ही एससी एसटी एक्ट का मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया। प्रताप सिंह ने हमें बताया कि करीब 10 वर्ष पहले उन्होंने दलित वर्ग से आने वाले धर्मदास को अपने 10 बिस्वे की भूमि में से थोड़ी सी जगह रहने को दे दी थी।
लेकिन समय बीतने के साथ धर्मदास की नियत बिगड़ गई और वह पूरी ज़मीन पर कब्ज़ा करने लगा। जब उन्होंने कब्ज़ा हटाने को कहा तो उन पर हमला कर दिया। साथ ही एससी एसटी एक्ट का फर्जी मुकदमा भी करा दिया गया है।
पुलिस से लगाई मदद की गुहार, लेकिन नहीं मिली राहत
हमले में घायल प्रताप सिंह के परिजनों ने स्थानीय पुलिस से भी सहायता के लिए गुहार लगाई लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। प्रताप सिंह का आरोप है कि पुलिस एससी एसटी एक्ट को लेकर ही उनपर गिरफ़्तारी का दबाव बना रही है।
जिससे वह डर के माहौल में रहने को मजबूर हैं। मारपीट की घटना 21 मई की है लेकिन 7 दिन बीतने के बाद भी उनकी तरफ से ली गई तहरीर पर कोई कार्यवाई नहीं की गई है।
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