चेन्नई: तमिल नाडु राज्य की एमके स्टालिन सरकार ने प्रदेश में हिंदू मंदिरों में गैर ब्राह्मण पुजारियों की नियुक्ति करने का आदेश दिया है।
हिंदू रिलिजियस एंड चेरिटेबल इंडोमेंट डिपार्टमेंट ( HR & CE) मंत्रालय के अंतर्गत 200 गैर ब्राह्मण परिवारों की नियुक्ति राज्य के हिंदू मंदिरों में आगामी 100 दिनों में की जाएगी।
गैर ब्राह्मण लोगों को तमिलनाडु की स्टालिन सरकार “शैव अर्चक” नामक कोर्स करवाएगी जिसके अंतर्गत 100 दिन के कोर्स में गैर ब्राह्मण लोगों को पुजारी कर्म की ट्रेनिंग दी जाएगी।
एचआर एंड सी ई मंत्री पीके शेखर बाबू ने कहा कि स्टालिन सरकार का यह निर्णय हिंदुओं के मध्य जाति की खाई को पाटने का काम करेगा।
वहीं शनिवार को पीके शेखर ने यह भी कहा कि स्टालिन सरकार और महिलाओं को भी पुजारी बनने की ट्रेनिंग देगी जो कि मंदिरों में पुजारी कर्म करने की इच्छुक हैं। मंत्री वीके शेखर ने टिप्पणी किया कि जिस तरह सभी हिंदू पुजारी बन सकते हैं तो वहीं महिलाएं भी पुजारी बन सकती हैं।
मंत्री वीके शेखर ने आगे कहा कि उनकी सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि हमारे धार्मिक मंत्रालय के अधीन आने वाले सभी हिंदू मंदिरों में पूजा-अर्चना भी तमिल भाषा में ही हो।
वहीं तमिलनाडु भाजपा ने सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए आपत्ति जताई कि “स्टालिन सरकार की नींव ही हिंदू विरोधी है सरकार क्या कभी किसी सर्च या मस्जिद को भी नियंत्रण में लेगी?”
वहीं डीएमके महिला विंग की सचिव कनिमोझी ने कहा कि खुद को हिंदुओं की रक्षक बताने वाली भाजपा हिंदुओं के एक वर्ग के साथ ही क्यों खड़ी है।