जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद जिले में एससी एसटी एक्ट के बेजा इस्तेमाल का ऐसा मामला आया है जहां दो वर्ष पूर्व मृत एक युवक का नाम भी FIR में दर्ज करा दिया गया। घटना जिले के घोषी थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वैना गाँव की है जहां 45 वर्षीय जगदीश दास द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में गांव के नीरज कुमार को नामजद किया गया था जिसकी मृत्यु वर्ष 2019 के मई माह में हो चुकी है। ग्रामीणों के अनुसार नीरज कुमार को किडनी की बिमारी थी। दर्ज FIR में कुल 8 लोगो को नामजद किया गया है।
प्रार्थी जगदीश के अनुसार 9 जून की सुबह वह गांव की ही एक दुकान से कुछ सामान खरीदने गया। उसी स्थान पर सभी आठो आरोपित खड़े थे। उसे देखते ही वे लोग गाली देने लगे और उसकी जाति के बारे में अपमान जनक बातें कहीं। आरोपितों ने लात-घुंसे से उसकी पिटाई भी कर दी। जगदीश दास ने यह भी आरोप लगाया है कि किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर वह भागा। आरोपितों ने यह भी धमकी दी है कि यदि मुकदमा किया तो परिणाम काफी बुरा होगा।
क्या है मामला
दरअसल गाँव में मृत्युंजय पांडेय व केस दर्ज कराने वाले के मध्य आपसी रंजिश चली आ रही है। यह रंजिश रास्ते पर ऑटो को खड़ा करने को लेकर है। घटना के दिन एक बार फिर ऑटो को लेकर विवाद हो गया था। हालाँकि मौके पर मृत्युंजय पांडेय का परिवार मौजूद नहीं था। मृत्युञजय के घर उस दिन नवजात शिशु के प्रसव को लेकर सभी परिजन अस्पताल में मौजूद थे। इसी का फायदा उठाकर दूसरे पक्ष के लोगो ने मृत्युंजय के घर पर धावा बोलते हुए उनके घर में तोड़ फोड़ कर दी थी। जिसके बाद जगदीश दास द्वारा मृत्युंजय के परिजनों पर एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करा दिया गया। FIR में मौजूद लोगो के न होने के चलते गलत लोगो के नाम भी दर्ज करा दिया गए।
कुल 8 नामजद लोगो में नीरज कुमार को भी नामजद किया गया जिनकी मृत्यु हुए दो वर्ष बीत गए है।
वहीं जब मामले की पड़ताल करने पुलिस गाँव पहुंची तो यह सुनकर हैरान रह गई कि नीरज की मृत्यु हुए 2 वर्ष बीत चुके है। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि नीरज की किडनी की बिमारी के चलते वर्ष 2019 में मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजनों की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र भी पेश किया गया। स्थानीय थाने के थानाध्यक्ष बालेश्वर पासवान ने बताया कि जरुरी कार्यवाई कर मृतक का नाम तहरीर से हटा दिया जायेगा।
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