प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से दलित शोषण की एक खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। पोस्ट को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि जिले में दलितों पर अत्याचार अपने चरम पर है। साथ ही इसके लिए सूबे की सरकार को भी जातिवादी बता कर दोष मढ़ा जा रहा है।
वायरल पोस्ट को साझा करने में सबसे आगे की पंक्ति में कथित दलित पत्रकार और कई बार धर्म विरोधी ट्वीट के कारण जेल भेजे गए प्रशांत कनौजिया दिखाई दिए। प्रशांत ने आरोप लगाया कि इस घटना में जातिवादी भाजपा/आरएसएस की सरकार दलितों-पिछड़ों पर अत्याचार करने वालों को संरक्षण दे रही है।
उन्होंने सबसे पहले ट्वीट कर घटना की जानकारी देते हुए लिखा कि “जिला प्रतापगढ़ के थाना क्षेत्र अंतू के ग्राम कपासी में पुरानी रंजिश में विरोधियों ने मीरा कनौजिया, जो कि दलित समाज से आती है।उन्हें और उनकी पुत्रियों पर बहुत बुरी तरह से धारदार हथियार से हमला किया है।जिला प्रतापगढ़ के थाना क्षेत्र अंतू के ग्राम कपासी में पुरानी रंजिश में विरोधियों ने मीरा कनौजिया, जो कि दलित समाज से आती है।उन्हें और उनकी पुत्रियों पर बहुत बुरी तरह से धारदार हथियार से हमला किया है।”
जिसके बाद एक और ट्वीट में उन्होंने सरकार पर प्रश्न खड़ा करते हुए सवाल पूछा कि “आखिर कब तक उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार होता रहेगा? आखिर कब तक ये जातिवादी भाजपा/आरएसएस की सरकार दलितों-पिछड़ों पर अत्याचार करने वालों को संरक्षण देते रहेंगे? दोषियों पर क्या कार्रवाई हुई?”
प्रशांत के ट्वीट करते ही यह खबर तेजी से वायरल होने लगी व भीम आर्मी के नेताओं ने भी इसे दलित उत्पीड़न के प्रबल उदहारण के तौर पर दिखाना शुरू कर दिया।
भीम आर्मी के हमीरपुर जिले से जिलाध्यक्ष ने ट्वीट कर लिखा कि “घटना UP के अंतू थानाक्षेत्र जिला प्रतापगढ़ ग्राम कपासी की है जातिवादी आतंकवादियो ने तो SC/ST समाज का जीवन नरक बना रखा है आखिर कबतक बहुजनों पर अत्याचार होगा?”
ऐसे में प्रशांत कनौजिया व भीम आर्मी के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए हमारी टीम ने मामले के तथ्यों को परखना तय किया। वायरल घटना के मुताबिक हमने जिले के अंतू थाना क्षेत्र में संपर्क किया। बातचीत में थानाध्यक्ष ने हमें बताया कि घटना कपासी गांव की है जहां पानी भरने को लेकर हुए विवाद में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी। मारपीट में दोनों पक्षों से लोग घायल हुए थे।
थानाध्यक्ष के मुताबिक बीते रविवार रात करीब 9 बजे रामआसरे की बहू मीरा देवी (45) पत्नी रामकल्प पड़ोसी राम प्यारे के घर के सामने लगे सरकारी हैंडपंप पर पानी भरने गई थी। इसी दौरान रामप्यारे के घर के लोग भी पानी भरने पहुंच गए। पहले पानी भरने को लेकर दोनों पक्ष में कहासुनी होने लगी। विवाद बढ़ने पर राम प्यारे अपने बेटे बहू पत्नी के साथ लाठी डंडा व धारदार हथियार मौके पहुंचे। आरोप है कि राम प्यारे आदि ने मीरा देवी पर हमला कर दिया। मीरा देवी किसी तरह से जान बचाकर घर के अंदर भागी तो हमलावरों ने घर में घुसकर उन्हें मारा-पीटा। इस दौरान उनके सिर में गंभीर चोट आ गई।
दोनों पक्ष दलित समुदाय से आते है व इसमें जातिवाद का दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है। पुलिस के मुताबिक घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी मामले की विवेचना प्रचलित है।
भीम आर्मी नेताओं समेत प्रशांत कनौजिया ने फैलाया झूठ
घटना की जानकारी के बाद यह स्पष्ट हुआ कि दोनों पक्ष एक ही समुदाय से आते है। ऐसे में जानबूझकर मामले को जातिवाद का रंग देकर राज्य की सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। मामले को वायरल करने में भीम आर्मी के नेताओं का भी हाथ है। घटना पर गलत तथ्य देने के चलते दलित समुदाय से आने वाले कई लोगो द्वारा गैर दलित समुदाय के लोगो पर अभद्र टिप्पणियां की गई है।
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