लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक प्रधानाध्यापक को अपनी शिक्षिका को समय पर आने के लिए टोकना महंगा पड़ गया है। दरअसल शिक्षक संघ के जिला संयोजक व नवादा स्कूल में प्रधानाध्यापक संजीव शर्मा अक्सर महिला अध्यापिका शिवानी सिंह को समय पर स्कूल आने और कक्षा में मोबाइल का उपयोग करने से मना करते थे। आरोप है कि इसी बात से खफा होकर अध्यापिका ने संजीव शर्मा के खिलाफ सिविल लाइन्स थाने में छेड़छाड़ और एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करा दिया।
बातचीत में संजीव शर्मा ने हमारे अंग्रेजी मीडिया पोर्टल नियो पॉलिटीको को बताया कि शिवानी सिंह तीन साल पहले विद्यालय में आई थी। आज तक उन्होंने कभी शिवानी के फ़ोन पर एक फ़ोन और मैसेज नहीं किया। हालांकि समय पर न आने और कक्षा में न आने पर वह उन्हें डांट दिया करते थे। जिसपर उन्होंने उनके खिलाफ FIR दर्ज करा दी।
संजीव ने आगे नियो पॉलिटीको को बताया कि महिला कभी भी समय पर बच्चों को नहीं पढ़ा रही थी। उनका सिलेबस भी बहुत पीछे चल रहा था। कई बार उन्होंने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों को भी की थी। उन्होंने आगे कहा कि उनका जुर्म इतना है कि वह एक ब्राह्मण है और महिला दलित है इसलिए सभी लोग उन्हें उनका बिना पक्ष जाने दोषी करार दे रहे हैं।
स्टाफ और बच्चों ने बताया संजीव को एक अच्छा शिक्षक
संजीव शर्मा के चरित्र पर जब हमने स्कूल के कुछ बच्चों और शिक्षकाओं से बातचीत की तो उन्होंने संजीव शर्मा को सरल सभव का बताया। एक महिला शिक्षिका ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शिवानी कभी भी समय पर नहीं आती थी और बात बात पर एससी एसटी एक्ट की धमकी देती थी। उनसे पूरा स्टाफ परेशान हैं।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
पुलिस ने महिला अध्यापिका की तहरीर पर सजीव शर्मा के खिलाफ IPC 354, 504, 506, 509, और 3(2)(va) एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया हैं। खबर लिखे जाने तक संजीव शर्मा की गिरफ़्तारी नहीं हुई थी।
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