अयोध्या (MP): कंगना रनौत की ऑफिस तोड़ने के बाद के संतों ने उद्धव ठाकरे को अयोध्या में आने से चेतावनी दी है।
अभिनेत्री कंगना रनौत व शिवसेना के बीच हुए आमना सामना के बाद मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले अयोध्या और विश्व हिंदू परिषद के समर्थकों ने शुक्रवार को कहा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का अयोध्या में स्वागत नहीं है।
कंगना के कार्यालय को ध्वस्त करने के निर्णय से साधुओं और वीएचपी के पदाधिकारियों ने अपने रुख को और सख्त कर दिया है। ठाकरे ने 24 नवंबर, 2018 को अयोध्या का दौरा किया था, फिर पिछले साल 16 जून को और फिर मुख्यमंत्री बनने के बाद इस साल मार्च में, हालांकि उन्होंने अगस्त में भूमिपूजन समारोह को छोड़ दिया।
हनुमानगढ़ी मंदिर के साधुओं में से एक, महंत राजू दास ने कंगना रनौत के कार्यालय के विध्वंस पर सवाल उठाया और कहा, “उद्धव ठाकरे और शिवसेना हिंदुत्व के रास्ते से दूर चले गए हैं और अब यहां उनका स्वागत नहीं है।”
पालघर में दो साधुओं की लिंचिंग पर महाराष्ट्र सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, “अभिनेत्री पर नकेल कसने के लिए सेना तेज थी, लेकिन अभी तक दो साधुओं के हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।”
तपस्विनी मंदिर के महंत परम हंस दास ने कहा, “यह स्पष्ट है कि शिवसेना जानबूझकर कंगना रनौत को निशाना बना रही है क्योंकि वह राष्ट्रवादी ताकतों का समर्थन कर रही है और उसने मुंबई में ड्रग माफिया के खिलाफ आवाज उठाई है।”
अयोध्या सेवा समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने उद्धव के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर असामाजिक गतिविधियों में शामिल लोगों को बचाने का आरोप लगाया और शिवसेना के मुख्यमंत्री को अयोध्या में पैर न रखने की चेतावनी दी।
हालांकि ये भी ज्ञात हो कि पहले शिवसेना सांसद संजय राउत सहित कई शिवसेना नेताओं ने कंगना रनौत को मुंबई न आने की धमकी दी थी। जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि 9 सितंबर को वो मुम्बई आएंगी यदि किसी के बाप में हिम्मत हो तो रोक ले।
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