नई दिल्ली: भाजपा ने एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर बेहद गम्भीर आरोप लगाए हैं।
आज इसी मुद्दे पर महाराष्ट्र भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुंबई में एंटीलिया के सामने जिलेटिन स्टिक से भरी एक कार पाई गई, उसके बाद जो घटनाएं घटी वो आप सभी के सामने हैं। जिस प्रकार से पुलिस महकमे से इस प्रकार की गाड़ी प्लांट की जाती है और उसके बाद की घटनाओं में इसमें सबसे बड़ी कड़ी मनसुख हिरन का जिस प्रकार से इनका खून किया जाता है ये सभी चीजें मुंबई और महाराष्ट्र के इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि अगर रक्षा करने वाले इस प्रकार से अपराधी तत्व बन जाए तो सुरक्षा कौन करेगा ये सवाल है? फणनवीस ने एक दावे में कहा कि 2018 में जिस समय मैं मुख्यमंत्री था उस समय शिवसेना की ओर से दबाव था कि एपीआई सचिन वाजे को फिर एक बार सरकार की सेवा में लिया जाए, पुलिस महकमे में लिया जाए।
फणनवीस ने वाजे व शिवसेना के संबंधों का दावा करते हुए कहा कि सबसे अहम सवाल ये है कि एपीआई सचिन वाजे को नौकरी में वापस क्यों लिया गया? वे 2004 में सस्पेंड हुए, 2007 में वीआरएस दिया और उसके ऊपर इन्क्वारी के चलते वीआरएस एक्सेप्ट नहीं हुआ। 2008 में सचिन वाजे ने शिवसेना में प्रवेश किया, कुछ समय तक शिवसेना के प्रवक्ता के रूप में उन्होंने काम किया। शिवसेना के साथ बहुत गहरे रिश्ते सचिन वाजे के रहे हैं।
फणनवीस ने वाजे की वापसी पर कहा कि 2020 में जब शिवसेना की सरकार आई तो फिर एक बार सचिन वाजे को वापस लाने का प्रयास शुरू हुआ। सचिन वाजे के इतने खराब रिकॉर्ड के बाद भी शिवसेना ने ऐसे समय इनको वापस लिया गया और लेने के बाद इनको मुंबई क्राइम ब्रांच की सबसे महत्वपूर्ण यूनिट क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का प्रमुख बनाया गया।
अंत में उन्होंने कहा कि सचिन वाजे को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख के रूप में नहीं बल्कि वसूली अधिकारी के रूप में उनको बैठाया गया और बड़े पैमाने में मुंबई में डांस बार चलाने की खुली छूट दी गई और सभी के इंजार्च ये हैं।