नई दिल्ली: आगामी संसद सत्र में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सांसदों ने फोकस किया है।
संसद का आगामी मानसून सत्र अगले माह सितंबर 14 से अक्टूबर 1 तक चलने वाला है। इस सत्र के दौरान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी मुद्दा उठना तय हो गया है। क्योंकि पहले भी कई सांसद दोनों सदनों में इसपर चर्चा कर चुके हैं कुछ ने प्राइवेट मेम्बर बिल के जरिए इसे उठाया भी है। इस सत्र में यूपी गोरखपुर से भाजपा सांसद व भोजपुरी स्टार भी जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के लिए बिल पेश करेंगे।
बता दें कि किसी भी विषय पर प्राइवेट मेम्बर बिल पेश करने से पहले संसद को सूचना देनी होती है। रवि किशन जनसंख्या वृद्धि व उससे होने वाली समस्याओं को उजागर करने वाले इस मुद्दे को लोकसभा में एक प्राइवेट मेम्बर बिल के जरिए रखेंगे।
रवि किशन ने एक बयान में कहा कि “समय की माँग हैं। धरती भी पुकार रही हैं की बसजनसंख्या नियंत्रण कानून।”
समय की माँग हैं ..धरती भी पुकार रही हैं की बस ..#जनसंख्या_नियंत्रण_कानून
— Ravi Kishan (@ravikishann) August 25, 2020
उनके इस बिल का समर्थन खुद देश के PIL मैन व जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ने वाले सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने किया है। अधिवक्ता ने कहा कि “जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए संसद में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और आभार रवि किशन जी।”
शिवसेना सांसद ने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर पेश किया था बिल:
देश में लंबे समय से बहस का हिस्सा रहे जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर संसद के उच्च सदन में राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया था। ये बिल जनसंख्या नियंत्रण उपायों के संबंध में संविधान में एक संशोधन करने की मांग करता है।
विधेयक राज्य को लोगों को उनके परिवार को बढ़ाने से हतोत्साहित करने और उन्हें अपने परिवार को केवल दो बच्चों तक सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रावधान बनाने के उद्देश्य से संविधान में संशोधन करना चाहता है।
शिवसेना सांसद अनिल देसाई द्वारा लाया गया विधेयक संविधान में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है जिसमें अनुच्छेद 47A को शामिल किया गया है।
क्या है संविधान का अनुच्छेद 47A :
जो अपने परिवार को दो बच्चों तक सीमित रखते हैं राज्य उन लोगों को कर, रोजगार, शिक्षा आदि में प्रोत्साहन देकर छोटे परिवार के मानदंडों को बढ़ावा देगा। जबकि उन प्रत्येक सुविधाओं को राज्य वापस ले लेगा जो छोटे परिवार के मानदंडों का पालन नहीं करेंगे।
बिल लाने के कारण पर कही गई बातें :
“जनसंख्या विस्फोट हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए कई समस्याओं का कारण होगा। हमें जनसंख्या विस्फोट के बारे में चिंतित होना चाहिए। केंद्र और साथ ही राज्य सरकारों को इससे निपटने के लिए योजनाएं शुरू करनी चाहिए। हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक बोझ हैं। किसी भी देश की विकास दर का देश की जनसंख्या से सीधा संबंध है। हवा, पानी, जमीन, जंगल आदि जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक जनसंख्या का शोषण होता है। आज, हमारी जनसंख्या की वृद्धि पर एक मजबूत नियंत्रण रखने की अधिक आवश्यकता है।”
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