बिहार: बिहार के मधेपुरा क्षेत्र में जनवितरण प्रणाली विक्रेता कैलाश राम द्वारा सरकारी राशन को धड़ल्ले से कालाबाजारी करने के लिए एससी एसटी एक्ट एक्ट का इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है।
घोषई पंचायत के वार्ड संख्या आठ के जनवितरण प्रणाली विक्रेता कैलाश राम आये दिन ग्रामीणों को तय दाम से अधिक दर पर राशन बेच रहे थे वहीं राशन चोरी कर उसकी कालाबाजारी करते थे।
गाँव वालो द्वारा विरोध करने पर कैलाश राम ग्रामीणों को डराने धमकाने के लिए हरिजन एक्ट का इस्तेमाल कर रहे थे। साथ ही दबंग प्रवत्ति होने के कारण जान से मारने की भी धमकिया शिकायतकर्ताओं को देते रहते थे।
विक्रेता कैलाश राम के द्वारा किये जा रहे शोषण से परेशान हो जाने के बाद स्थाई निवासियों ने पुलिस महकमों के आला अफसरों तक का रुख किया लेकिन कैलाश राम की मिलीभगत के कारण कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
जिसके परिणाम स्वरुप गाँव वालो का गुस्सा बीते दिन कैलाश राम पर फुट पड़ा। उन्होंने कैलाश राम द्वारा चौसा-उदाकिशुनगंज के स्टेट हाईवे सड़क पर पेट्रोल पंप के पास रविवार की देर रात लगभग ढाई बजे कालाबाज़ारी को ले जा रहे पिक-अप वैन पर लदे लगभग साठ बोरा अरवा चावल को ग्रामीणों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। हालाँकि गहमा-गहमी के बीच डीलर कैलाश राम भीड़ का फायदा उठाकर वहां से भाग निकला।
वहीं अधिक जानकारी जुटाने पर हमें पता चला कि पूर्व में कालाबाज़ारी करने के आरोप में डीलर कैलाश का लाईसेंस रद्द भी हो चूका था। परन्तु मिलीभगत के कारण पुन: 2012 में विभाग द्वारा लाईसेन्स जारी कर दिया गया।
आवेदन में यह भी आरोप लगाया गया है कि, डीलर कैलाश राम निर्धारित दर से रुपये ज्यादा लेते है एवं वजन में 5 केजी के बदले साढ़े चार केजी देते है।
बरामद हुए चावल के साथ पीकप वैन के चालक ने कालाबाज़ारी करने वाले डीलर और उसके कारनामे से भी पुलिस को अवगत कराया।
उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी भी देते रहते है। आवेदन कर्ता दिए गए आवेदन में मामले की जांच सख्त कानूनी कार्रवाई करने एवं डीलर के लाईसेन्स को रद्द करने की गुहार लगाई है।
वहीं थानाध्यक्ष जयप्रकाश चौधरी के द्वारा बताया गया कि पिकप लदा चावल के साथ एक चालक को हिरासत में लिया गया है। मामले की जाँच पड़ताल की जा रही है।
उधर प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बताया मामले की जानकारी मिली जांच पड़ताल के उपरांत दोषी डीलर के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!