बिहार: बिहार के अररिया सिकटी थाना क्षेत्र के सिंंघिया गांव में पेड़ काटने को लेकर हुए विवाद में एक व्यक्ति की मौत हो गयी है। 12 अगस्त को हुए इस विवाद में शीशम के पेड़ को काटने के लिए दलित व यादव समाज के दो परिवार आपस में भीड़ गए जिसमे घायल हुए शिवानंद यादव ऊर्फ भुट्टा यादव की बीते दिन अस्पताल में मौत हो गयी।
परिजनों के मुताबिक दलितों ने बिना किसी उकसावे के पहले गालिया देनी शुरू कर दी थी। जिसका विरोध करने पर वह लाठी डंडो व फरसे से हमला करने के लिए टूट पड़े थे।
दलितों के बर्बर हमले में दो लोग शिवानंद व परमानंद बुरी तरह घायल हो गए थे जिनको पास ही के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हमले में शिवानंद को सर पर कई घातक वार कर अधमरा कर दिया गया था जिससे वह मौके पर ही बेहोश होकर गिर गया था। वहीं बचाने आये परमानन्द का हाथ भी बुरी तरह कट गया था।
दोनों को आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया जहां हालत गंभीर होने पर शिवानंद यादव को पटना के पीएमसीएच अस्पताल रेफर कर दिया गया। कई दिनों के प्रयासों के बावजूद डॉक्टर पीड़ित की जान नहीं बचा पाए।
मौत का कारण फिलहाल सर में आई गंभीर चोटों व इंटरनल ब्लीडिंग को बताया जा रहा है।
वहीं दलित परिवार की तहरीर पर उल्टा पीड़ित पक्ष के दोनों घायल सहित 8 लोगो पर जान से मारने का प्रयास व एससी एसटी एक्ट में मामला दर्ज कर दिया गया। जिसके बाद कार्यवाई करते हुए पुलिस ने पीड़ित परिवार के दो लोगो को गिरफ्तार कर सिकटी पुलिस जेल भेज दिया है।
नामजद हुए मृत शिवानंद की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। मृतक की पत्नी ने न्याय दिलाने व दलितों के प्रकोप से बचाने के लिए अररिया के आरक्षी अधीक्षक सहित बिहार के डीजीपी को आवेदन दे कर न्याय की गुहार लगायी है।
वहीं बात करने पर सिकटी थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि इस मामले में सुरेश यादव के आवेदन पर सिकटी थाना कांड संख्या 154 /20 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। जिसमें सुरेश यादव ने रामानंद मांझी, यमुना मांझी, चेपटा मांझी, वकमा मांझी सहित 11 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इन लोगों ने लाठी फरसा व धारदार हथियार से हमला करने का आरोप लगाया है।
प्रदेश में दलितों के अन्य जातियों पर हमले व एससी एसटी एक्ट के फर्जी केस आये दिन देखने सुनने को मिल जाते है जिससे अररिया सहित पूरा प्रदेश परेशान है।
Donate to Falana Dikhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’