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एक्सपोज़: एटा में संविधान जलाने वाला निकला अंबेडकरवादी दलित, भीम आर्मी ने किया था वीडियो वायरल

एटा: सोशल मीडिया पर संविधान की प्रति जलाते व आरक्षण लेने वाले को भिखारी बोलने की वायरल हुई वीडियो में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वीडियो में युवक द्वारा शुरू में ‘जय श्री राम का नारा’ लगाने के बाद दलितों के लिए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया था। साथ ही आरोपी ने संविधान के खिलाफ व आरक्षण लेने वाले वर्ग को भिखारी कह कर सम्बोधित किया था। वीडियो से साफ़ था कि युवक वीडियो को वायरल करना चाह रहा था।

वीडियो 7 जून का बताया जा रहा है जोकि 9 जून को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। देखते ही देखते दलित संगठनों ने वीडियो को वायरल कर आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग भी कर डाली। भीम आर्मी के नेताओ द्वारा आरोपी को मनुवादी बताते हुए उसपर एससी एसटी एक्ट समेत देशद्रोह की धारा में मुकदमा दर्ज करने का आग्रह किया गया।

वीडियो जब हमारी टीम के हाथ लगा तो हमने मामले की पूरी पड़ताल करी। दरअसल इस वीडियो को भीम आर्मी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सिकंदर बौद्ध ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था। उन्होंने 9 जून को सुबह करीब 11 बजे वीडियो को ट्विटर पर डालते हुए ट्वीट किया कि “एटा जिले कि एटा विधानसभा के गांव में देशद्रोहियों ने मिलकर संविधान को जलाने का काम किया है। दलित समाज के लिए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर रहा है। एटा पुलिस आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर इनके खिलाफ देशद्रोह और SC/ST Act में कार्यवाही करें।”

जिसके कुछ क्षणों में वीडियो ट्विटर से लेकर फेसबुक व व्हाट्सप्प पर वायरल हो गई। भीम आर्मी के सभी कार्यकर्ताओं ने वीडियो को शेयर करते हुए आरोपी को मनुवादी बताते हुए व एससी एसटी एक्ट लगाने की बात कहकर मामले को तूल देने का प्रयास किया।

मामले पर भीम आर्मी के ही कासगंज के नेता ऋषभ जाटव ने वीडियो जारी कर बताया कि प्रति जलाने वाला ट्रक चालक है व उसका नाम चंद्रशेखर है। जिसकी तर्ज पर अधिक सूचना जुटाकर स्थानीय पुलिस ने आरोपी चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया।

हमारी पड़ताल में आरोपी निकला दलित, भीम आर्मी द्वारा समर्थित होने का दावा
जब हमारी टीम एटा के थाना सकीट क्षेत्र के गांव मुबारिकपुर सरैया पहुंची तो ज्ञात हुआ कि आरोपी चंद्रशेखर जाटव जाति का है व अंबेडकर को पूजता है। पुलिस ने जब चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया तो उसके शरीर पर भी जय भीम लिखा हुआ था। उसने वीडियो दलित नेताओ के कहने पर बनाया था जिसके लिए उसे बोया का माइक भी दिया गया था।

ऊँची जाति व मनुवादी दिखने के लिए लगवाया था “जय श्री राम” का नारा
खुद को ऊँची जाति व मनुवादी दिखाने के लिए चंद्रशेखर ने वीडियो की शुरुआत ‘जय श्री राम’ से की थी। उसके बाद दलितों के खिलाफ जानबूझकर जातिसूचक टिप्पणियां की थी। साथ ही आरोपी ने एक बड़े तबके को उकसाने के लिए आरक्षण के भिखारी बोलकर उन्हें सम्बोधित किया था।

चंद्रशेखर रावण को बताया था दलितों का मसीहा
वीडियो में बड़ी चालाकी से युवक द्वारा भीम आर्मी के मुखिया चंद्र शेखर आज़ाद की तारीफ़ की गई थी। उसका सन्देश साफ़ था कि वीडियो के माध्यम से एक वर्ग को दूसरे वर्ग के खिलाफ उकसाया जाए व साथ ही भीम आर्मी का सन्देश भी दलित व ओबीसी समाज तक पहुंच जाये।

भीम आर्मी ने ही किया वीडियो वायरल फिर खुद ही बताया पता
दिलचस्प बात यह रही कि वीडियो को वायरल करने में भीम आर्मी का ही हाथ रहा था। फिर एकाएक भीम आर्मी के नेता द्वारा वीडियो जारी कर युवक का पता बता दिया गया लेकिन उसकी जाति का खुलासा नहीं किया। भीम आर्मी के नेताओ ने जानबूझकर जाति न बताकर उसपर एससी एसटी एक्ट की मांग कर दी ताकि सन्देश यह जाए की सविधान की प्रति जलाने वाला व आरक्षण के खिलाफ बोलने वाला ऊँची जाति से आता है।

हमारी जाँच में यह बात सामने आई है कि युवक दलित समाज से आता है व जानबूझकर उसने वीडियो को तैयार किया था। उसने जय श्री राम का नारा वीडियो से गलत सन्देश देने के लिए प्रयोग किया था।


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