नई दिल्ली : देश में दलित नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले भाजपा सांसद उदित राज नें लगातार सोशल मीडिया पर गोते मार रहे #METOO अभियान पर सवाल खड़े कर दिए है। दरअसल उन्होंने अपने एक ट्वीट संदेश में यह कहा कि “महिलाओं के सिर्फ लिखित या मौखिक आरोप पर हम अपने पुलिस या कानून व्यवस्था पर सवाल नहीं पूछ सकते” ?
और अगर आरोप गलत तरीके से किसी पुरुष पर लगाए गए हैं तो क्या बाद में उसकी इज्जत वापस की जा सकती है ? फिर क्या था उनके इस ट्वीट पर लोगों ने ट्विटर पर ट्रोल करना शुरू कर दिया, इसी बीच कई लोगों ने सांसद जी को एससी-एसटी एक्ट भी याद दिला कर लिखा कि “यही बात तो इस एक्ट के साथ थी जिसमे फिर गलत मान कर देश की सबसे बड़ी अदालत नें कुछ जरूरी संशोधन किए थे लेकिन इसका आपने दोनों हाथ खड़े करके विरोध किया था”।
इस पर आम आदमी के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने भी उन्हें नसीहत देकर कहा कि यह बात जो मी टू अभियान के दुरुपयोग पर कही जा रही है अगर यही बात वो एस-एसटी एक्ट पर कहे होते तो ज्यादा बढ़िया होता ।
उन्होंने उनके ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा की –
सर, यहीं लॉजिक, यहीं तथ्य SC/ST Act के समय भी तो लागू होते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने भी यही समझाया था ?
#MeToo में ये लॉजिक समझ आ गया क्योंकि…
बाढ़ की संभावनाएं सामने हैं
और नदियों के किनारे घर बने हैं
चीड़-वन में आंधियों की बात मत कर,
इन दरख्तों के बहुत नाज़ुक तने हैं
अभी तक कपिल मिश्रा के इस ट्वीट को 10 हज़ार से अधिक लाइक व 5 हज़ार से अधिक रीट्वीट मिल चुके है।