‘बढ़ रहीं धर्मांतरण-निकाह की घटनाएं, धर्मांतरण व लव जिहाद के खिलाफ कठोर कानून जरूरी’- सुप्रीमकोर्ट अधिवक्ता

नई दिल्ली: बढ़ते लवजिहाद व धर्मांतरण के मुद्दों का हवाला देकर कानून की मांग उठ गई है।

कुछ माह पहले ही हरियाणा के मेवात में धर्मांतरण को लेकर बवाल मचा था ऐसे ही कुछ कानपुर ही हालियां घटनाओं के साथ देखा गया जिसके लिए योगी सरकार ने SIT जांच के लिए टीम गठित कर दी है।

इसी मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट के चर्चित अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने भी उठाया है और कानून बनाने की मांग की है। अधिवक्ता ने कहा कि “लद्दाख से लक्षदीप तक और कच्छ से कामरूप तक साम दाम दंड भेद द्वारा धर्मांतरण और निकाह की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं इसलिए धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ एक कठोर और प्रभावी कानून बनाना नितांत आवश्यक है जय हिन्द।”

VHP ने दलितों के धर्मांतरण का उठाया था मुद्दा:

हरियाणा सरकार की धर्मांतरण विरोधी कानून की घोषणा:

हरियाणा में आने वाले समय में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार पर एक विधेयक “जबरन धर्मांतरण के खिलाफ प्रतिबंध” के रूप में पेश किया जाएगा। इसका फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बयान में कहा था।

हरियाणा में गोकशी पर नियंत्रण:

वहीं हरियाणा सरकार ने राज्य में गोहत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतों में गोहत्या के मामलों में आरोपियों के खिलाफ सख्त जांच करने का भी फैसला किया था। उन्होंने घोषणा में संकेत दे दिए हैं कि, “अगर जरूरत पड़ी तो गायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा गौ संवर्धन और गौ संवर्धन अधिनियम, 2015 में भी संशोधन किए जाएंगे।”

इसके अलावा, हिंदू-अल्पसंख्यक क्षेत्रों में धार्मिक सम्पदा की देखभाल के लिए एक धर्मदा बोर्ड का भी गठन किया जाएगा। ये घोषणाएं उन्होंने नूंह में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए की थी। बता दें कि विहिप द्वारा इलाके में दलितों के धर्मांतरण से संबंधित एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद खट्टर मेवात का दौरा कर रहे थे।

जबरन धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर खट्टर ने कहा था कि “कुछ क्षेत्रों में जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आए हैं और ऐसे सभी गैरकानूनी धर्मांतरणों का कड़ा संज्ञान लेते हुए, धर्म के स्वतंत्रता के अधिकार विधेयक को पारित किया जाएगा। और विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, सख्त अवैध धर्मांतरण में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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