विदिशा: जिले के लटेरी तहसील के अंतर्गत आने वाले मुरवास गांव में दबंग वन माफियाओं ने दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले संतराम वाल्मीकि की ट्रैक्टर से कुचल कर निर्मम हत्या कर दी। लटेरी के मुरवास में दिनदहाड़े हुई यह हत्या बताती है कि मुस्लिम माफियाओं के हौसले किस तरह से बुलंद है।
सरकारी जमीन पर मुस्लिमों के अवैध कब्जे के खिलाफ उठाते थे आवाज
संतराम वाल्मीकि लगातार सरकारी जमीन पर मुस्लिमों के द्वारा कब्जा करने की शिकायत प्रशासन से कर रहे थे। शिकायतों से गुस्साए वन माफियाओं ने गुरुवार दोपहर को संतराम की ट्रैक्टर से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी। हत्या की इस घटना के बाद से ही पूरे विदिशा जिले के नागरिकों में आक्रोश का माहौल है। हत्या के बाद गुस्साए नागरिकों ने विधायक के नेतृत्व में चक्का जाम कर दिया और वन माफियाओ व दबंग मुस्लिमों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की।
वन विकास निगम की हजारों बीघे जमीन पर अवैध कब्जे की करी थी शिकायत
वन विभाग और वन विकास निगम की हजारों बीघा जमीन पर शासन के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर पौधारोपण और सागौन के पेड़ लगाए जा रहे थे। दूसरी तरफ वन माफियाओं के द्वारा पेड़ों की लगातार कटाई कर खेती के लिए जमीन तैयार की जा रही थी। जिसकी शिकायत वर्ष 2017 से ही संतराम कर रहे थे। लगातार शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन सहित राज्य सरकार के द्वारा कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई। संतराम वाल्मीकि के द्वारा यह शिकायत जिला तथा प्रदेश स्तर पर की जा रही थी। इसी को लेकर वन माफियाओं में काफी आक्रोश था।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेज चुके हैं शिकायत
संतराम वाल्मीकि ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित डीएफओ विदिशा, मुख्य संरक्षक विभाग भोपाल, महाप्रबंधक वन विभाग निगम भोपाल के अलावा राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री की ओर शिकायत की एक-एक प्रति प्रेषित की थी। जिसमें 12 बिंदुओं पर जानकारियां दी गई थी। वन माफिया फकीर मोहम्मद द्वारा वन विभाग निगम के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर वहां के पेड़ों को नष्ट कर के वहां सैकड़ों बीघा जमीन पर खेती कर रहा है। 10 सितंबर 2020 को पहली शिकायती आवेदन के बाद कलेक्टर ने औपचारिक रूप से कार्यवाही के नाम पर बेगुनाह लोगों की जमीन पर जेसीबी चलाई, जबकि मूल अतिक्रमणकारी के वन विभाग के संरक्षण में शासकीय भूमि पर गेहूं चना की बोवनी की।
लगातार हो रही शिकायतों के बाद आरोपित फकीर मोहम्मद उसके पुत्र इरफान, रिजवान, उमर फारूक एवं हीरो, शकील आदि ने बीच बाजार में उसकी हत्या कर दी।
प्रशासन की संलिप्तता के हैं संदेह
वन विभाग द्वारा संरक्षण प्राप्त माफियाओं ने हजारों बीघा जमीन पर मुरवास क्षेत्र में भारी अतिक्रमण फैला हुआ है। आरोप है कि वन विकास निगम की मिलीभगत के चलते माफियाओं पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने के कारण माफियाओं ने वन प्रेमी सरपंच पति संतराम की जघन्य हत्या कर दी।
विधायक की मांग, वन विकास निगम के अधिकारियों पर हो कार्यवाही
स्थानीय विधायक उमाकांत शर्मा ने वन विकास निगम के रेंजर एवं वन विकास निगम के डीएम पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग प्रशासन से की। संतराम की हत्या से नाराज विधायक ने पुलिस सहित प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए। विधायक ने कहा कि लगातार संतराम को आरोपियों के द्वारा धमकी दी जा रही थी लेकिन मुरवास पुलिस के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं करना संदेह के घेरे में आता है।
घंटो तक चक्का जाम कर लोगों ने की नारेबाजी
दलित नेता संतराम की हत्या से गुस्साए क्षेत्र के हजारों लोगों ने भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा के नेतृत्व में मुरवास पहुंचकर चक्का जाम कर दिया। भीड़ ने पुलिस मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए। इस दौरान मौके पर विदिशा एडिशनल एसपी संजय साहू भी मौजूद थे। एसपी संजय साहू के सामने ही लोगों ने मुरवास थाने में पदस्थ थाना प्रभारी को तत्काल हटाने और मुरवास पुलिस के कुछ आरक्षको की संदिग्ध भूमिका की जांच मांग पर अड़े रहे।
विधायक उमाकांत शर्मा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्थानीय विधायक उमाकांत शर्मा ने इस हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही विधायक ने परिवार को आर्थिक सहायता राशि राज्य सरकार से दिलाए जाने का आश्वासन दिया है।
Young Journalist covering Rural India, Investigation, Fact Check and Uttar Pradesh.