नई दिल्ली: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में पिछले दिनों हुई दलित युवक की हत्या को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती कांग्रेस पर लगातार हमले कर रही हैं।
मंगलवार को जारी बयान में मायावती ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान की ताज़ा घटना में एक दलित की पीट – पीट कर की गई निर्मम हत्या की चर्चा व उसकी निन्दा पूरे देश भर में हुई किन्तु कांग्रेस का नेतृत्व न केवल खुद चुप ही रहा बल्कि अपने दलित नेताओं के भी बोलने पर पाबन्दी लगाकर उनकी जुबान बंद कर दी है।
आगे उन्होंने कहा कि यह अति दुःखद व शर्मनाक है जो यह साबित करता है कि कांग्रेस पार्टी व इनकी सरकारों की नजर में दलितों की न तो पहले कोई अहमियत थी और न ही अब उनके जान – माल व सुरक्षा की कोई खास परवाह है।
मायावती ने इस मुद्दे पर हाल में पंजाब में मुख्यमंत्री बने दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी व हाल ही में कांग्रेस से जुड़े गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को भी लपेटे में लिया। उन्होंने कहा कि पंजाब के नए मुख्यमंत्री व गुजरात के इनके नए नेता द्वारा भी दोहरा मापदण्ड अपनाते हुए अभी तक अपनी जुबान बंद रखना कितना उचित
बसपा सुप्रीमो ने राजस्थान के मुद्दे को उत्तर प्रदेश के चर्चित लखीमपुर खीरी कांड से की। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि राजस्थान के इस हत्याकाण्ड के सम्बंध में तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई है, जिससे पीड़ित परिवार को सरकार से न्याय मिलने की संभावना कम ही लगती है। अतः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की तरह ही इस मामले का भी सुप्रीम कोर्ट अगर स्वतः संज्ञान ले तो बेहतर है।