जयपुर: इन दिनों राजस्थान विधानसभा में विधायक एक दूसरे के ऊपर आरोपो की झड़ी लगाए हुए हैं।
कल विधानसभा में सचिन पायलट खेमे के नेता और सपोटरा विधायक रमेश मीना ने स्पीकर सीपी जोशी पर सदन में SC/ST और माइनॉरिटी की आवाज दबाने का गंभीर आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सदन में कांग्रेस के 50 विधायक SC/ST और अल्पसंख्यक समुदाय से हैं लेकिन उनको बिना माइक बाली सीटें दी गई हैं ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके।
दरअसल जब प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा स्पीकर जोशी ने विधायक रमेश मीणा को बोलने के लिए कहा तो विधायक मीणा प्रश्नकाल पर कोई चर्चा नहीं की बल्कि अपनी सीट पर माइक ना होने से नाराज हो गए।
इस पर स्पीकर ने उन्हें पीछे जाकर माइक वाली सीट से बोलने को कहा तो रमेश मीणा ने कहा कि मैं अपनी बात यहीं से रखूंगा और सदन से बाहर चले गए। सदन के बाहर विधायक ने कहा कि एससी एसटी के प्रति जारी भेदभाव के कारण ही दलित मंत्री जूली जाटव को भी बिना माइक वाली सीटें दी गई है। जो कि वे मंत्री हैं और उन्हें सदन में प्रश्नों का जवाब देना होता है।
विधायक रमेश मीणा ने कहा कि सदन में विधायकों को बैठाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। हम कई बार मुख्य सचेतक को अवगत करा चुके हैं लेकिन हमारी आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एससी एसटी और माइनॉरिटी कांग्रेस की रीड की हड्डी है उनसे भेदभाव का सरकार के प्रति इन वर्गों में क्या मैसेज जाएगा।
वहीं स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि सदन में कौन कहां बैठता है यह उनकी पार्टी देखती है यदि आपको मैं पसंद नहीं तो मुझे हटा दो।
ज्ञात हो इसके पहले विधानसभा में राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा ने आदिवासियों को हिंदू धर्म से अलग बता कर और उनके लिए एक अलग आदिवासी धर्म कोड की मांग करके नए विवाद को जन्म दिया था।