लखनऊ दलित डिलीवरी बॉय से खाना न लेने का मामला झूठा, 2 लाख मांगी जा रही सेटलमेंट की रकम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दलित डिलीवरी बॉय से खाना लेने के मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। मीडिया इसे ऊँची जाति बनाम दलित बनाकर पेश कर रहा है। मामले की गंभीरता को लेकर हमने आरोपी बनाये गए व्यक्ति व पुलिस से भी उनका पक्ष जानने का प्रयास किया है।

दरअसल मामला लखनऊ के आशियाना स्थित सेक्टर एच का है जहां पर रहने वाले अभय सिंह गंगवार ने जोमाटो से मोमोस का आर्डर दिया था। उन्होंने पहले ही मोमोस की प्रीपेड पेमेंट कर दी थी। अभय सिंह उस समय घर पर भी नहीं थे। जब जोमाटो का डिलीवरी बॉय विनीत कुमार रावत मोमोस लेकर पहुंचा तो घर से अभय के छोटे भाई बाहर निकले जिन्होंने पान को किनारे पर थूका जिसका छींटा विनीत की स्कूटी पर जा गिरा। छींटे को लेकर विनीत ने अभय के छोटे भाई को गालिया देनी शुरू कर दी। जिसपर उन्होंने गाली देने के लिए मना किया गया। विनीत ने इसी बीच कहना शुरू कर दिया उसकी शर्ट पर भी छींटा पड़ गया है। अभय के अनुसार उनके भाई ने कहा कि अगर छींटा शर्ट पर पड़ा तो वह दिखाए कहाँ पड़ा है वह उन्हें नई शर्ट दिलवा देगा। जिसपर विवाद बढ़ने के बाद अभय खुद घर आये और उन्होंने विनीत को समझाया लेकिन वह लोकल होने की धौस दिखाने लगा। जाते जाते विनीत ने उन्हें धमकी दी वह उन लोगो को SC ST एक्ट से सबक सीखा देगा।

घर पर दलित आया काम पर, बच्चो को खाना बनाकर खिलाती है
अभय सिंह गंगवार ने बताया कि उनके घर में एक दलित जाति की आया आरती रावत बच्चो की देख रेख व उन्हें खाना खिलाती है। आरती रावत ने पुलिस को भी बताया कि जाति उत्पीड़न की बात झूठी है। अगर ऐसा होता तो वह उन्हें अपने घर में खाना बनाने व बच्चो की देख रेख के लिए नहीं रखते। आरती की एक वीडियो पुलिस भी सबूत के तौर पर ले गई है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर नहीं बनता है एससी एसटी एक्ट का मामला
पुलिस ने विनीत की तहरीर पर एससी एसटी की धारा के आधार पर मामला दर्ज किया है। जबकि अगर पीड़ित व आरोपी एक दूसरे को पहले से नहीं जानते है तो एससी एसटी एक्ट का मामला नहीं बनता है।

पुलिस ने भी माना मामला जातिगत उत्पीड़न का नहीं
स्थानीय पुलिस ने बातचीत में माना की मामला जातीय उत्पीड़न का नहीं है। इसे मीडिया बिना सच जाने अपने हिसाब से चला रही है। अभय सिंह के घर में खाना बनाने वाली आया भी पासी जाति से आती है।

ठाकुर नहीं OBC है अभय सिंह
अभय सिंह ने बातचीत शुरू होते ही कहा की मीडिया उनका पूरा नाम नहीं लिख रही है ताकि वह इसे ठाकुर बनाम दलित बना सके। अभय ने बताया कि उनका पूरा नाम अभय सिंह गंगवार है और वह कुर्मी जाति से आते है। मीडिया उनका पूरा नाम नहीं लिख रही है ताकि मामले को तूल मिल सके।

अभय सिंह से मामला रफा दफा करने के लिए मांगे है 2 लाख रूपए
अभय सिंह के अनुसार विनीत ने किसी अन्य के माध्यम से केस ख़त्म करने के लिए 2 लाख रूपए की मांग की है। अभय सिंह ने आगे कहा कि पूरा मामला पैसे ऐंठने के लिए किया गया है। उनके अनुसार विनीत ने उन्हें मीडिया ट्रायल कराने की धमकी दी है।

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