लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने शातिर अपराधी अजमत अली के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए उसकी 2.5 अरब रुपए की संपत्ति कुर्क कर ली है।
शातिर अभियुक्त अजमत अली पुत्र महफूज अली निवासी ग्राम घैला थाना मड़ियांव कमिश्नरेट लखनऊ आदि द्वारा अपराध के माध्यम से अर्जित सम्पत्ति दो अरब चौव्वन करोड़ पैतालिस लाख दो हजार नौ सौ इक्यावन रूपये को उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रिया – कलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की धारा 14 (1) के तहत कुर्क किया गया।
पुलिस के मुताबिक अभियुक्त अजमत अली पुत्र महफूज अली निवासी ग्राम घैला थाना मड़ियांव कमिश्नरेट लखनऊ का जन्म साधारण परिवार में हुआ था। जिसका पालन पोषण उनके माता पिता द्वारा सामान्य रूप से किया गया। अभियुक्त अजमत अली उपरोक्त कई भाई बहन थे और उसके पास पैतृक सम्पत्ति नाम मात्र की थी इनके हिस्से में भी बहुत कम सम्पत्ति थी, जिससे परिवार का गुजर बसर नहीं चल सकता था इसलिए अजमत ने परिवार के पालन पोषण हेतु वर्ष 1988 से निषार अली नामक व्यक्ति के यहां 1200 रूपये प्रतिमाह में नौकरी करना प्रारम्भ किया था।
पुलिस के मुताबिक अभियुक्त का एक सुसंगठित गिरोह है, जिसका वह स्वयं गैंग लीडर है वह स्वयं अपने व गैंग के सदस्य मो. इकबाल उपरोक्त के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, 1986 के तहत अपराधों में लिप्त रहता है। इसके व इसके गैंग के सदस्य के आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के कारण थाना मड़ियांव कमिश्नरेट लखनऊ में एक मुकदमा अन्तर्गत धारा 3 (1) उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रिया – कलाप (निवारण) अधिनियम 1986 का अपराध पंजीकृत है।
इसके द्वारा अपने स्वयं व गैंग के सदस्यों के आर्थिक, भौतिक व अन्य दुनियावी लाभ के लिए सरकारी सम्पत्ति पर कब्जा करना / अपराध कारित करके धनोपार्जन कर एवं उक्त पैसों से सम्पत्ति अर्जित करना इसका मुख्य पेशा है। सर्वप्रथम अजमत अली ने शिवपुरी में एक छोटा सा स्कूल खोला था।
वर्ष 1995 में कैरियर कान्वेंट एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट का निर्माण सार्वजनिक रास्ते / चकरोड की जमीन पर अवैध कब्जा कर बनवाया है। फिर उसी ट्रस्ट से अर्जित सम्पत्ति से कमाये गये पैसों से अवैध रूप से वर्ष 1998 से 2000 के बीच ही कैरियर कान्वेन्ट कालेज बनाया। इसके बाद उसी क्रम में अर्जित धन से वर्ष 2007 में कैरियर इन्स्टीट्यूट आफ मेडिकल साइन्सेज एण्ड हास्पिटल की बिल्डिंग नेशनल हाइवे से मिलाकर बनाना चालू किया था।
अभियुक्त अजमत अली उपरोक्त द्वारा सार्वजनिक स्थान चकरोड व खाता संख्या 483 नवीन परती को अवैध रूप से समाहित करते हुए उक्त ट्रस्ट का निर्माण कराकर उपरोक्त सार्वजनिक स्थान चकरोड व खाता संख्या 483 नवीन परती / सार्वजनिक सम्पत्ति पर स्थित उक्त ट्रस्ट का प्रयोग करके रूपयों का धनोपार्जन कर 2,54,45,02,951 / (दो अरब चौव्वन करोड़ पैतालिस लाख दो हजार नौ सौ इक्यावन रूपये) अर्जित किया गया है अभियुक्त के पास अपराध कर अर्जित करने के अलावा अन्य कोई आय का ज्ञात स्त्रोत नहीं है।