मुस्लिम बाहुल्य गाँव में आँख फोड़कर मारे गए तीन ब्राह्मण बच्चो को बीते दो माह, पुलिस को हाथ नहीं लगा कोई सुराग

मिर्जापुर: जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के बामी गाँव में बीते महीनो तीन बच्चो की हुई निर्मम हत्या का अभी तक पुलिस कोई सुराग नहीं जुटा पाई है। 1 दिसंबर को हुई इस घटना को हुए लगभग 2 महीने से ज्यादा समय बीत चूका है हैं मगर अभी तक पुलिस और जांच टीम आरोपियों का कोई सुराग तक नहीं लगा पाई है।

पुलिस विभाग ने क्राइम ब्रांच के बाद जांच के लिए एसआईटी उसके बाद सबसे तेज मानी जाने वाली एसटीएफ को भी लगाया, लेकिन कोई खास मदद नहीं मिली। सस्पेंस भरे इस हत्याकांड का खुलासा करने के लिए सभी मंथन कर रहे हैं, लेकिन कोई भी अभी तह तक नहीं पहुंच पाया है। हर किसी के मन में यही सवाल कौंध रहा है कि आखिर किसने इन छोटे लड़को की इतनी बर्बरता से हत्या कर दी।

पीएम रिपोर्ट में टूटी मिली थी सीने की हड्डी, आँखों पर तेज धार हथियार से किया गया था प्रहार
पोस्टमार्टम में एक बच्चे के सीने की हड्डी टूटी पाई गई थी इससे ये आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों और मृतक के बीच काफी संघर्ष हुआ था। बदमाशों ने आँखों पर प्रहार करने के क्रम में बच्चो के सीने पर चढ़कर मारा होगा जिसके चलते हड्डी टूट गई। इससे प्रतीत होता है कि तीनों बालकों में से एक ही बालक हत्या की कड़ी से जुड़ा है। वहीं दो अन्य बच्चे साथ होने के चलते मारे गए है। उसकी मौत होने के चलते बदमाशों ने इनको भी मार दिया। आशंका है कि यह बालक निश्चित रूप से किसी व्यक्ति का कोई गहरा राज जान गया था, जिसके चलते उसे मारने का प्लान बना लिया गया हो।

तीनों बालक जंगल में बेर खाने गए भी थे या नहीं इस पर है संदेह
तीनों बालक जंगल में बेर खाने गए भी थे या नहीं इस पर संदेह है। ग्रामीणों की मानें तो बेर के बहाने सीधे वे लेहडिय़ा फाल पर ही आए होंगे, जहां पर हत्यारे इनका पीछा करते हुए पहुंच गए। मौका पाते ही उनकी हत्या कर दी। उधर पुलिस कई बिंदुओं पर इस हत्याकांड को खोलने के लिए जांच कर रही है।

सर्विलांस के जरिए 500 से अधिक लोगों पर नजर मगर फिर भी हाथ खाली
सर्विलांस के जरिए पुलिस 500 से अधिक लोगों के काल डिटेल का रिकार्ड खंगाल चुकी है। 150 से अधिक लोगों को उठाकर पूछताछ भी कर चुकी है। इसके अलावा जंगल में आने-जाने वाले लोगों को भी पकड़कर पूछताछ की गई, लेकिन एक दिसंबर को सुधांशु, शिवम व हरिओम की हत्यारों का अभी तक कोई सुराग नहीं निकल पाया।


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