हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में SC-ST एक्ट के मामले में सजा काट रहे कक्षा नौवीं के छात्र को जमानत मिल गई है।
दलित एट्रोसिटी केस में गिरफ्तारी के लगभग एक महीने बाद जनपद न्यायालय ने अजय कुमार को जमानत दी। अजय कुमार को एक दलित लड़की के साथ छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
कथित आरोपी अजय कुमार के वकील ने बहस में कहा कि दोनों परिवार के बीच चल रही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण अजय कुमार को झूठा फंसाया गया था। अजय कुमार के बड़े भाई स्थानीय चुनाव लड़ रहे थे और वे निर्वाचित सरपंच के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का सामना कर रहे थे।
जमानत अर्जी में वकील ने तर्क दिया था कि मामले में एससी-एसटी एक्ट के लिए कोई योग्यता नहीं है क्योंकि प्राथमिकी में कहीं भी जातिवादी गालियां और जाति आधारित अत्याचार का उल्लेख नहीं किया गया था।
अदालत ने पाया कि घटना की तारीख और प्राथमिकी के बीच 2 दिन का अंतर था। अदालत के संज्ञान में यह भी जानकारी मिली कि घटना वाले दिन अजय कुमार को पीड़िता के पक्ष ने पीटा था। आरोपी पक्ष ने दावा किया है कि पीड़िता के पिता ने खुद को बचाने के लिए अजय को एससी एसटी एक्ट के झूठे मामले में फंसाया। कथित आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट भी यही बात कह रही है।
आरोपी एफ आई आर के अगले दिन यानी 14 मई 2021 से जेल में था और 17 जून 2021 को जमानत पर रिहा हुआ है। इस दौरान कथित आरोपी ने लगभग 33 दिन जेल में गुजारे हैं।
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