हाथरस: 2020 के सबसे चर्चित केसों में शामिल हाथरस केस में मुख्य गवाह के तौर पर दावा करने वाले छोटू के परिवार ने पालीग्राफ टेस्ट से इंकार कर दिया है क्योंकि जांच टीम इसमें देरी करती रही और उनकी परिवार की आर्थिक स्थिति इस तरह हो गई थी कि यदि छोटू बाहर वापस कमाने नहीं जाता तो घर में खाने के लाले पड़ जाते।
गाँव के नरेन्द्र जी से इस मसले पर फ़लाना दिखाना रिपोर्टर की बातचीत हुई तो उन्होंने छोटू के परिवार की दशा बताई। वहीं उनके द्वारा जानकारी की और अधिक सच्चाई निकालनें के लिये जब परिवार से जब सम्पर्क किया गया तो छोटू भाई सोम सिंह ने बताया कि उनके बाजरे की पूरी फसल सरकारी जाँच के चलते सिंचाई के आभाव में समाप्त हो गयी। उसी समय 6 लीटर दूध दे रही गाय खत्म हो गयी।
यहीं तक नही परिवार के पास दीपावली में मोमबत्ती लेनें की व्यवस्था नही थी पडो़सी द्वारा मोमबत्ती दिये जानें पर परिवार को रोशनी के त्यौहार पर उजाला देखना नसीब हुआ।
परिवार अपनें इंतहा की हद तक मजबूर हो जानें के बाद गाँव के अनिल पत्रकार से लागत लगवाकर खेती बुवाई कराकर व कुछ रूपये उधार लेकर जयपुर से 70 किलोमीटर किसी लोहे के कारखानें में मजदूरी कर रहें हैं, व अपनी पारिवारिक विसंगतियों के चलते परिवार अब पचडे़ में नही पड़ना चाहता।
जब इस मुद्दे पर गाँव के अपनें अन्य लोगों से सम्पर्क करके परिवार द्वारा दी जानकारी को सत्यापित व आँकलन अलग अलग लोगों से आँकलन किया तो परिवार का हाथरस केस से फसल व अन्य नुकसान लगभग ढा़ई से तीन लाख का हो गया जो परिवार साल के लिये खाना रखता था आज वह परिवार रोज की जरुरतों के लिये मजबूर है।
Vinay covers crime for Falana Dikhana.