बलिया: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा नेहा सिंह को उनकी पेंटिंग के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मिला।
स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक नेहा की यह पेंटिंग खनिज रंगों के द्वारा बनी थी। उन्हें यह पुरस्कार मिलने के साथ ही बीएचयू को यह मौका 104 वर्षों बाद लगा है। जब उसके किसी छात्र ने इस खिताब को जीता हो। रविवार को उन्हें बलिया के डीएम हरिप्रताप शाही ने उनको इसका प्रमाण पत्र घर पर जाकर दिया।
भगवद्गीता के आधार पर ‘मोक्ष का पेड़ शीर्षक’ नाम से चित्रित की गई नेहा की पेंटिंग को गिनीज बुक में जगह मिल गई है। उनकी इस पेंटिंग का आकार करीब 62.72 वर्गमीटर है। इस पेंटिंग को नेहा ने अप्रैल माह में तैयार किया था। जिसे नेहा ने गिनीज बुक के नियमानुसार ऑनलाइन मोड के द्वारा जमा किया था। वहीं, महामारी के चलते गिनीज से जवाब आने में करीब चार महीने का वक्त लगा।
असल में बलिया जिले के रसरा तहसील अंतर्गत डेहरी गांव की रहने वाली नेहा बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र के पहले वर्ष की छात्रा हैं। नेहा की वैदिक साहित्य में अधिक रुचि होने के चलते उन्होंने ललित कला में स्नातकोत्तर किया था। फिर वैदिक विज्ञान, उपनिषद, भगवद्गीता, भारतीय संस्कृति आदि विषयों में वो रिसर्च करने के साथ पढ़ाई कर रही हैं। नेहा के नाम नाम एक अन्य कीर्तिमान भी है जिसमें उन्होंने 16 लाख मोतियों से भारत का नक्शा बनाया था। दशोपनिषद और महाकाव्य का डिजिटल प्रिंटेड एलबम बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया था।