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ललितपुर में फिर आया SC-ST एक्ट का झूठा मुकदमा, जमानत लेने के दौरान पीड़ित को पड़ा दिल का दौरा

ललितपुर: अभी विष्णु तिवारी का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि जिले में एससी एसटी एक्ट के दुरूपयोग का दूसरा मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक कुछ लोगो द्वारा पहले तो एक ग्रामीण की जमीन पर अवैध कब्जा कर घर बनाया गया फिर मालिक पर ही उल्टा फर्जी एससी एसटी एक्ट का मामला दर्ज करा दिया गया।

वहीं फर्जी मुक़दमे से आहत 42 वर्षीय लक्ष्मीनारायण चौबे को कोर्ट में जमानत लेने के दौरान हार्ट अटैक आ गया। एकाएक कोर्ट चैम्बर में गिरे लक्ष्मीनारायण को आनन फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

ज़मीन भी छीनी, खाली करने को कहा तो लगाया एससी एसटी एक्ट
पाचौनी निवासी लक्ष्मीनारायण चौबे पुत्र भागीरथ चौबे की जमीन पर दबंग बिज्जू अहिरवार पुत्र हरिहर अहिरवार द्वारा करीब 4 साल पहले कब्ज़ा कर लिया गया था। एससी एसटी एक्ट में फ़साने की धमकी देकर दबंगो ने पीड़ित पक्ष की ज़मीन पर घर भी बना लिया था। जिसका लक्ष्मीनारायण चौबे ने जब विरोध किया तो वह ज़मीन को अपना बताने लगे। दबंगो ने दावा किया कि 30 हजार में उसे यह ज़मीन बेच दी गई है। जिसका सबूत मांगने पर कागज चोरी करने का आरोप उल्टा पीड़ित परिवार पर ही लगा दिया गया।

आसामी ज़मीन के मालिक हैं लक्ष्मी नारायण, जिसे बेचा नही जा सकता
पीड़ित लक्ष्मीनारायण चौबे की लगभग 2 एकड़ जमीन वर्ग 3 आसामी के अन्तर्गत आती है। जिसे प्रदेश सरकार के नियमानुसार बेचा नही जा सकता। नियम के इतर दलित वर्ग ज़मीन खरीदने की बाते कह रहा है जोकि किसी के गले नहीं उतर रही है।

जमानत लेने के दौरान आया दिल का दौरा, झूठे आरोपों से थे आहत
जमानत के लिए पहुंचे लक्ष्मी नारायण को कोर्ट परिसर में ही दिल का दौरा पड़ गया था। आपातकाल में उन्हें परिजनों द्वारा अस्पताल लाया गया। पीड़ित की पत्नी द्वारा बताया गया कि हरिजन एक्ट में बहु, बच्चे सहित सभी लोगो को नामजद किया गया था। जिसमे जमानत लेने के लिए वह कोर्ट परिसर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बस उनके पति बच जाए उन्हें अब अपनी ज़मीन वापस नहीं चाहिए।

परिजनों को डर है कि कही उन्हें भी विष्णु की तरह फर्जी मुक़दमे में जेल न भेज दिया जाये। जिस कारण वह अब ज़मीन छोड़ने को तैयार है।

परिवार के अनुसार एससी एसटी एक्ट ने उन्हें भारी मानसिक, आर्थिक व शारीरिक क्षति पहुंचाई है। हालाँकि मुक़दमे को देखते हुए कोर्ट ने परिवार को जमानत दे दी है।


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