मुंबई: कांग्रेस नेताओं द्वारा एक बार मंदिरों व हिंदु धर्म प्रतीकों को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए गए हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस नेता व उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री नितिन राउत ने सोशल मीडिया कुछ लोगों द्वारा चलाए गए ट्रेंड “मंदिरों में आरक्षण कब तक” समर्थन में एक बयान देते हुए मंदिर व हिंदू कर्मकांडों पर टिप्पणी की।
मंत्री राउत ने कहा कि श्राद्ध से लेकर मंदिर तक में एक ही वर्ग का आरक्षण कब खत्म होगा? दान पर कब तक एक ही वर्ग का अधिकार रहेगा? दलित मास्टर साहब को कब सार्वजनिक समारोह में साथ खाना खाने देंगे? दलितों के घोड़ी चढ़ने पर होने वाली दिक्कत कब खत्म होगी? इन सवालों के भी जवाब चाहिए।
इसके अलावा राउत ने न्यायपालिका को जातिवादी बताते हुए कहा कि भारत की आबादी में OBC जनसंख्या 52% है। लेकिन इस वर्ग के सुप्रीम कोर्ट में जज 6% हैं। देश में SC आबादी 14% है लेकिन जज सिर्फ 3% हैं। मुस्लिम आबादी 17% लेकिन जज 3% हैं। अनुसूचित जनजाति की आबादी 9% लेकिन जज 1 भी नहीं। एक वर्ग की आबादी 3% है लेकिन जज 40% हैं।
कांग्रेस नेता राउत के अलावा दलित कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी मंदिरों पर टिप्पणी की गई। लिखा गया कि आरक्षण से मनुवादियों को समस्या है लेकिन जातिवाद खत्म नहीं करना चाहते। तिवारी पान भंडार से लेकर शंकर जी के मंदिर तक इन्हीं का कब्जा है। बराबरी की बात तो करते हैं लेकिन दलित को साथ नहीं बैठने देंगे। आखिर ऐसे कैसे चलेगा?