Chairman SC-ST Commission- Dr Ram Babu Harit

SC-ST एक्ट के मुकदमों के लिए सवर्ण हैं जिम्मेदार: एससी-एसटी आयोग

जौनपुर: एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामबाबू हरित ने कहा कि जनपद के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित मुकदमों के लिए सवर्ण जिम्मेदार हैं। इसका कारण यह है कि सवर्णो के यहां एससी-एसटी जाति के लोग काम करते हैं। जब सवर्ण आपस में लड़ते हैं तो अपने यहां काम करने वाले एससी-एसटी जाति के लोगों से दूसरे पक्ष पर मुकदमा दर्ज करवा देते हैं। अगर ऐसा न हो तो एससी-एसटी के मुकदमों में कमी आ जाए। उन्होंने उक्त बातें बृहस्पतिवार को शहर के पीडब्ल्यूडी डाक बंगले में प्रेसवार्ता के दौरान कहा।

पेशे से एमबीबीएस चिकित्सक और भाजपा नेता डॉ. रामबाबू हरित बीते जून माह में ही एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष बनाये गये हैं। वे भाजपा की राजनाथ सिंह सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। ये बाते उन्होंने अपने जौनपुर दौरे में एक प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ एससी-एसटी जाति के लोगों को मिले, इसके लिए मैं लगातार जिलों का भ्रमण कर लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को दूर कराने में लगा हुआ हूं। इसी क्रम में जौनपुर आया हूं।

उन्होंने कहा कि दो माह पूर्व इस आयोग का अध्यक्ष बना तो 342 मामले लंबित थे, जिसमें 40 मामले राजस्व व 280 मामले पुलिस विभाग सहित 22 मामले अन्य विभागों के है। एक माह से भी कम कार्यकाल में कुल 307 प्रार्थना पत्र आयोग के समक्ष प्राप्त हुए है, जिसमें 157 मामलों में संबंधित विभागों को अपने स्तर से निस्तारण के लिए भेजा है और 150 मामलों में संबंधित विभागों से आख्या मंगा कर आयोग द्वारा निस्तारण किया गया।

जिले में पिछले वर्ष चयनित एससी -एसटी बाहुल्य 18 ग्राम पंचायतों में विकास कार्य शुरू नहीं होने के प्रश्न के जवाब में उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी से पूछा, जिस पर जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि मार्च में कार्य कराने के लिए पैसा शासन से आ गया है। शीघ्र ही कार्य कराया जाएगा। जिसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को दिसंबर माह तक विकास कार्यो को पूरा कराने का निर्देश दिया। इस अवसर पर आयोग के उपाध्यक्ष राम नरेश पासवान व सदस्य अनीता सिद्धार्थ सहित जिला सूचना अधिकारी मनोकामना राय, एएसपी सिटी डॉ संजय कुमार आदि उपस्थित रहे।

एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष डा.रामबाबू के दावों के विपरीत फलाना दिखाना की पड़ताल में आंकड़े कुछ और ही वास्तविकता बताते हैं। हमारी पड़ताल में यह तथ्य सामने आया था कि एससी-एसटी एक्ट के ज्यादातर मामले ओबीसी (अन्य पिछड़ी जाति) पर लगाए जाते हैं।


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