केंद्र के बाद 22 प्रदेशों ने घटाए डीजल पेट्रोल के दाम, कर्नाटक में सबसे ज्यादा घटे दाम

नई दिल्ली: दीपावली के अवसर पर आम आदमी को राहत देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा डीजल व पेट्रोल के दाम घटाने के बाद देश में 22 राज्यों में भी दाम किए गए हैं।

शुक्रवार को भारत सरकार द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 रुपये और 10 रुपये की कमी करने के भारत सरकार के निर्णय के बाद, 22 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों ने भी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी की है। 

हालांकि, 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कोई कमी नहीं की है। पेट्रोल की कीमतों में सबसे ज्यादा कमी कर्नाटक में हुई है, इसके बाद पुडुचेरी और मिजोरम का स्थान है। इन राज्यों में पेट्रोल की कीमतों में क्रमश: 13.35 रुपये, 12.85 रुपये और 12.62 रुपये की कमी आई है। 

बयान के मुताबिक डीजल के मामले में सबसे अधिक कटौती कर्नाटक द्वारा की गई है, जिससे कीमतों में 19.49 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है, इसके बाद पुडुचेरी और मिजोरम का स्थान है।

गौरतलब है कि 3 नवम्बर को भारत सरकार ने 4 नवम्बर से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये की कमी करने का महत्वपूर्ण फैसला किया था। पेट्रोल और डीजल की कीमतें उसी हिसाब से कम हो गई।

डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी पेट्रोल की तुलना में दोगुनी हुई। सरकार का कहना था कि भारतीय किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से लॉकडाउन के दौरान भी आर्थिक विकास की गति को बनाए रखा और अब डीजल पर उत्पाद शुल्क में भारी कमी आने वाले रबी सीजन के दौरान किसानों को राहत देगी।

हाल के महीनों में, कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक उछाल देखा गया है। इसके परिणामस्वरूप, हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में मुद्रास्फीति के दबाव में वृद्धि हुई थी। दुनिया में भी सभी प्रकार की ऊर्जा में कमी और कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई। भारत सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि देश में ऊर्जा की कमी न हो और पेट्रोल व डीजल जैसी चीजें हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से उपलब्ध हों।

भारतीयों की उद्यमी क्षमता के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड-19 के चलते आई मंदी के माहौल से निकलकर एक महत्वपूर्ण रफ्तार पकड़ी है। अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में- वह चाहे विनिर्माण, सेवा या कृषि हों- महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। अर्थव्यवस्था को और रफ्तार देने के लिए, भारत सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क काफी कम करने का फैसला किया है।

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी से खपत बढ़ेगी और मुद्रास्फीति कम रहेगी, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग को मदद मिलेगी। आज के फैसले से समग्र आर्थिक चक्र को और गति मिलने की उम्मीद है। राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वे उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए उसी हिसाब से पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करें।

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