REUTERS/Adnan Abidi - RTS5HG9
/

सोनपेड़ अग्निकांड में 11 राजपूत निर्दोष करार, दलित दंपत्ति ने राजपूतों को फ़साने के लिए खुद आग लगाकर मार दिए अपने दो बच्चे

फरीदाबाद: हरियाणा राज्य में चर्चित सोनपेड़ प्रकरण में पंचकूला स्थित CBI कोर्ट ने सभी 11 नामजद आरोपियों को बरी कर दिया है। करीब 6 वर्ष पुराने इस मामले में आरोपितों के खिलाफ CBI को एक भी सबूत व गवाह नहीं मिल सका। जिसपर CBI द्वारा कोर्ट में पहले ही क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी थी।

आपको बता दें कि फरीदाबाद के सोनपेड़ गांव में 20 अक्टूबर 2015 को हुए अग्निकांड में दो दलित बच्चों की मौत हो गई थी। जिसमे राजपूत समाज के 12 लोगो को मृतक बच्चो के पिता जीतेन्द्र कुमार द्वारा नामजद किया गया था। 1 आरोपी के नाबालिग होने की वजह से उसका नाम पहले ही हटाया जा चूका था।

मामले की छानबीन में CBI ने पाया कि दोनों पक्षों के बीच आपसी रंजिश चल रही थी। इससे पहले 5 अक्टूबर 2014 को एक ऐसे ही मामले में तीन राजपूत युवक इंद्राज, मोहन व भारत को दलितों द्वारा फ़ोन के छोटे से विवाद में जान से मार दिया गया था। जिसमें जीतेन्द्र कुमार के दो भाई आरोपी थे। उक्त मामले में सभी 11 राजपूत युवक चश्मदीद गवाह थे।

मामले में रंजिश की बात सामने आने पर मुख्यमंत्री द्वारा जाँच लोकल पुलिस से CBI को सौंप दी गई थी। हालाँकि अपनी FIR में CBI द्वारा नामजद आरोपियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के साथ हत्या की धाराएं भी जोड़ी गई थी।

जीतेन्द्र कुमार ने अपने बयान में बताया था कि उसके पड़ोस में रहने वाले ऊँची जाति के लोगो ने घटना की रात करीब 3 बजे उनके घर में खिड़की के रास्ते से मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी थी। जोकि जाँच में झूठी साबित हुई।

CBI ने FSL व CFSL रिपोर्ट में पाया कि आग घर के बाहर नहीं अंदर से लगाई गई थी
जीतेन्द्र कुमार के बयान के उलट CBI ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि आग घर के बाहर से नहीं बल्कि अंदर से लगाई गयी थी। वहीं घर में किसी के जबरदस्ती अंदर घुसने के भी कोई सबूत CBI को नहीं मिले थे।

जीतेन्द्र के नार्को टेस्ट ने खोली पोल
जीतेन्द्र के नार्को टेस्ट से CBI को पता चला कि वह अपने ठाकुर पड़ोसियों से बदला लेने के लिए घर में आग लगाने की घटना के बारे में सोचता रहता था। जिससे CBI का शक और गहरा गया। FSL रिपोर्ट ने भी CBI को बताया कि आग घर के अंदर से शुरू हुई थी।
CBI की टीम ने केरोसिन की अधजली कैन भी घर के अंदर से बरामद की थी।

ज्ञात होकि क्लोजर रिपोर्ट में CBI ने कोर्ट को बताया है कि वादी जीतेन्द्र कुमार व उसकी पत्नी तथ्यों को छुपा रहे है व आधा सच ही सामने रख रहे है।

राहुल गाँधी गए थे मिलने, की थी राजपूत आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग
प्रकरण के आने के बाद हर बार की तरह मीडिया ने ऊँची जाति के लोगो पर जातिगत द्वेष के चलते अग्निकांड को अंजाम देने का आरोप मढ़ डाला। नतीजन राहुल गाँधी समेत सभी विपक्षी दल के नेता सोनपेड़ पहुंच गए। उन्होंने घटना पर रोष व्यक्त कर राजपूत समाज से आने वाले आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई की मांग की थी। हालाँकि अब मुक़दमे का नतीजा आने पर सभी ने चुप्पी साध ली है।


#SUPPORTUS: Falana Dikhana is running low in funds. We need your immediate and regular support to SURVIVE. Please donate at least 1₹/day to the organization that cares about your issues.
 
DO UPI: 8800454121@paytm
 
Please Support True Journalism
+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

सऊदी अरब ने पहली बार महिला सुरक्षा कर्मियों को मक्का मस्जिद में ड्यूटी में किया तैनात

Next Story

MP, राजस्थान के बाद UP में RSS ने अपने स्कूलों को आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया

Latest from Falana Report