कांग्रेस ने धारा 370 वापस लाने के प्रस्ताव का किया समर्थन, BJP बोली देश के सब दुश्मन सीमा पर ही नहीं

जम्मू कश्मीर: कांग्रेस ने कश्मीर में फिर से धारा 370 बहाल करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है।

जम्मू कश्मीर में धारा 370 को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो चुकी है। दरअसल राज्य की 6 मुख्य विपक्षी दलों ने हाल में एक संयुक्त बयान जारी कर धारा 370 को बहाल करने की माँग की है।

हालांकि इसमें तब विवाद बन गया जब देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने समर्थन कर दिया और फैसले का स्वागत किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आधिकारिक घोषणा कर कहा कि “मुख्यधारा की छह विपक्षी दलों की एकता और साहस को सलाम, जो कल अनुच्छेद 370 के खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ आए थे।

उन्होंने कहा “मैं उनसे अपनी मांग के साथ पूरी तरह से खड़े होने की अपील करता हूं। स्वयंभू राष्ट्रवादियों की तथ्यहीन आलोचना की उपेक्षा करें जो इतिहास को नहीं पढ़ते हैं लेकिन इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश करते हैं।”

चिदंबरम ने आगे कहा, “भारत के संविधान में राज्यों के लिए विशेष प्रावधान और शक्ति के असममित वितरण के कई उदाहरण हैं। अगर सरकार विशेष प्रावधानों के खिलाफ है तो फिर नागा मुद्दों को कैसे सुलझाएगी ?”

गौरतलब है कि धारा 370 को फिर से राज्य में बहाल करने के लिए जिस घोषणा पत्र को तैयार किया गया है। उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, जेकेपीसीसी के जीए मीर, माकपा के एमवाई तारीगामी, जेकेपीसी के सज्जाद गनी लोन, जेकेएएनसी के मुजफ्फर शाह के नाम शामिल हैं।

इन दलों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए राजनीतिक दलों ने बड़ी मुश्किल से बुनियादी स्तर पर बातचीत करने की पहल की है। इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। सरकार का पांच अगस्त, 2019 को उठाया गया कदम जम्मू-कश्मीर और सरकार के बीच के रिश्तों को बदलने वाला है।

वहीं भाजपा ने कांग्रेस सहित कश्मीर की पार्टियों को सख्त चेतावनी देते हुए उनके इस कदम का विरोध किया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि “भारत के सब दुश्मन सीमाओं पर ही नहीं हैं, कुछ कांग्रेस पार्टी में भी हैं।”

मालवीय ने आगे कहा कि “यदि कांग्रेस के भीतर भ्रमपूर्ण अलगाववादी आवाज़ें धारा 370 और 35A को बहाल करने के बारे में दृढ़ता से महसूस करती हैं। तो उन्हें 2024 के आम चुनावों के दौरान अपने अभियान का केंद्रीय मुद्दा बनाने दें।”

बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटा दिया था।


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