BHU: हॉस्टल के छात्रों के बीच पार्टी के दौरान हुई जमकर मारपीट, मीडिया ने की जातीय रंग देने की कोशिश

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर (BHU Campus) में गुरुवार दिनभर कई घटनाएं हुई। दिन में छात्रों को धरना प्रदर्शन (Student Protest), विभागाध्यक्ष को बंधक बनाने के साथ ही देर रात को पार्टी के दौरान हास्‍टल में विवाद (Clash in Hostel) हो गया। जिसमें छात्रों के दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई। जिसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

मामुली कहासुनी को लेकर हुई मारपीट

काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर के राजाराम मोहनराय हास्टल के कमरे में पार्टी के दौरान कहासुनी और गाली गलौज मारपीट में बदल गई। राजाराम हास्टल में गुरुवार की देर रात पार्टी चल रही थी जिसमें शराब की पार्टी भी हुईं। इसी दौरान बिरला बी और राजाराम हास्टल के छात्रों में कहासुनी और गाली गलौज के बाद जमकर मारपीट शुरू हो गई। कुछ ही देर में जमकर पत्थर बाजी शुरू हो गई। इसके बाद बिरला के लड़के और राजाराम के लड़के आमने सामने पत्थरबाजी और पेट्रोल बम चलाने लगे। सूचना पर कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। कुछ देर बाद मामला शांत हुआ और दोनों पक्ष हॉस्टल में गए। इस दौरान बीच बचाव करने में बीएचयू चौकी प्रभारी राजकुमार पांडेय के हाथ में भी चोट आई है। इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय ने बताया कि शराब पार्टी के दौरान मारपीट हुई है लेकिन अब मामला शांत है।

मीडिया ने जातीय रंग देने की कोशिश

हास्टल के कमरे में पार्टी के दौरान हुई कहासुनी और मारपीट को मीडिया ने जातीय रंग देने की भी कोशिश की। कई प्रमुख न्यूज़ पोर्टल पर मामले को जातिसूचक टिप्पणी को लेकर छात्रों के बीच मारपीट के तौर पर प्रसारित किया गया। मामले में डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने बताया कि उपद्रवी छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन की मदद से चिह्नित करा कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अलावा एहतियातन परिसर में 3 थानों की फोर्स और पीएसी तैनात की गई है। दोनों पक्षों की तहरीर पर लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

छात्रों ने विभागाध्यक्ष को बनाया बंधक

बीएचयू के छात्रों ने के शोध प्रवेश के रिजल्ट में अनियमितता का आरोप लगाते हुए गुरुवार को राजनीति शास्त्र विभाग में देर रात तक धरने पर बैठे रहे। यही नहीं छात्रों ने दोपहर दो बजे से देर रात तक राजनीति विभाग के अध्यक्ष प्रो. अशोक उपाध्याय सहित कर्मचारियों को बंधक बनाए रखा। प्राक्टोरियल बोर्ड के आंदोलनरत छात्रों को समझाने-बुझाने में देर रात तक जुटे रहे। दरअसल राजनीति विभाग के शोध प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट लीक हो गया था। इसे देखते हुए कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके शुक्ला ने एक जांच समिति गठित कर दी है। जांच समिति की ओर क्लीन चिट मिलने के बाद 25 अगस्त को शोध प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। वहीं जिन छात्रों का चयन नहीं हुआ वह रिजल्ट देखने के बाद आक्रोशित हो गए और विभाग के सामने धरना-प्रदर्शन करने लगे।

कक्षाएं शुरू करने की मांग को लेकर धरना

दूसरी ओर स्नातक और स्नातकोत्तर की सभी कक्षाएंं शुरू करने की मांग को लेकर छात्रों का दूसरे गुट ने गुरुवार को सिंहद्वार पर धरना दिया। इस दौरान सिंहद्वार से आवागमन पूरी तरह बाधित रहा। धरना की सूचना पाते ही प्राक्टोरियल बोर्ड के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा कक्षाएं आरंभ करने की तैयारियों के बारे में जानकारी दी।

+ posts

Young Journalist covering Rural India, Investigation, Fact Check and Uttar Pradesh.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

‘कश्मीर पर भारत ने अवैध कब्जा किया’ कहने वाले सिद्धू के पूर्व सलाहकार के खिलाफ UAPA के तहत शिकायत

Next Story

जिस दिन कांग्रेस की रैली होती है तो दिहाड़ी मजदूर खुश हो जाते हैं, कहते हैं चलो आज काम न करना पड़ेगा: मायावती

Latest from उत्तर प्रदेश

जिंदा होने के सबूत देने में जुटे बुजुर्ग की मौत: सरकारी दस्तावेज़ों में मृत घोषित, 18 महीने से राशन से वंचित

सोनभद्र: शक्तिनगर थाना क्षेत्र के चिल्काडाड गांव में एक मार्मिक घटना सामने आई है, जिसमें 70…