गाजियाबाद: समाजवादी नेता उमेद इदरीस पर बुजुर्ग से मारपीट की घटना को झूठा सांप्रदायिक मोड़ देने, पीड़िता को मामले के बारे में झूठ बोलने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
सपा नेता उमेद के खिलाफ गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाने पर आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए, 504, 505 और 120 बी और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इस कार्रवाई की जानकारी सपा नेता ने अपने फेसबुक अकाउंट से भी दी। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि “दोस्तों आखिर मुझ पर फर्जी मुकदमा कर दिया। क्या 72 साल के बुजुर्ग अब्दुल समद की मदद करना मेरा जुर्म है ? यदि शहीद नगर के कुछ जिम्मेदारों ने 72 साल के बुजुर्ग अब्दुल समद को मेरे पास भेजा और मैंने थाने में तहरीर दी FIR कराने के लिए तो पुलिस ने मुझ पर झूठा मुकदमा क्यों कर किया ? किसी अनजान व्यक्ति की या जिस पर जुल्म हो उसकी मदद करना पाप है कोई कितने जुल्म कर ले मैं हर मजलूम की मदद करता रहूंगा इंशा अल्लाह।”
लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है: “आरोपी ने शिकायतकर्ता के साथ एक अनावश्यक वीडियो बनाया और मामले के तथ्यों की पुष्टि किए बिना, उसके फेसबुक पर धार्मिक चर्चा की, जिससे समुदाय में दुश्मनी फैल गई। आरोपियों ने घटना को सांप्रदायिक रंग देने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया। इन्होंने हिंदुओं और मुस्लिम समुदाय के बीच बंटवारे की कोशिश की।”
बता दें कि सपा नेता ने ही बुजुर्ग व्यक्ति को घटना में जय श्री राम के नारे के एंगल जोड़ने की बात कही और बुजुर्ग को साथ में बिठाकर उनसे बयान दिलवाया।