नईदिल्ली: कोरोना टीकाकरण अभियान में भारत ने एक बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
अभियान के 130वें दिन आज सुबह 7 बजे तक उपलब्ध कराए गये आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड टीकाकरण का कुल आंकड़ा 20 करोड़ को पार चुका है (अब तक 20,06,62,456 टीके लगाये गए हैं, जिसमें कोविड-19 टीकों की 15,71,49,593 पहली खुराक और 4,35,12,863 दूसरी खुराक शामिल है)।
भारत का कोविड-19 टीकाकरण अभियान, दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है, इसे प्रधानमंत्री द्वारा 16 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया था।
मात्र 130 दिनों में यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत, US के बाद दूसरा देश, 20 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में US को 124 दिन लगे थे।
इसके अतिरिक्त, दुनिया भर के अन्य डेटा तथा कई समाचार लेखों पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 टीकाकरण अभियान में अन्य प्रमुख देशों में ब्रिटेन भी शामिल है जो 168 दिनों में 5.1 करोड़ टीके लगाने के आंकड़े तक पहुंच चुका है, ब्राजील ने 128 दिनों में अपने नागरिकों 5.9 करोड़ टीके लगाए हैं और जर्मनी ने 149 दिनों में 4.5 करोड़ टीकाकरण के आंकड़े को छुआ है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक 45 वर्ष से ऊपर की 34 प्रतिशत से अधिक आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम पहली खुराक मिल चुकी है।
इसी तरह, भारत में 60 वर्ष से अधिक आयु के 42 प्रतिशत से ज़्यादा लोगों को कोविड-19 वैक्सीन का कम से कम पहला टीका लग चुका है।
अब तक, भारत अपने टीकाकरण अभियान में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में तीन टीकों का उपयोग कर रहा है; इनमें भारत में बने दो टीके शामिल हैं – सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का बना कोवैक्सिन।
रूसी टीका स्पुतनिक वी आपातकालीन उपयोग की अनुमति के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से अनुमोदन प्राप्त करने वाला तीसरा टीका है और इसका उपयोग कुछ निजी अस्पतालों में किया जा रहा है, जिसके आने वाले दिनों में और बढ़ने की उम्मीद है।
टीकाकरण अभियान का पहला चरण 130 दिन पहले 16 जनवरी को शुरू किया गया था और पहले चरण में नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (एनईजीवीएसी) ने स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं (सरकारी एवं निजी क्षेत्र दोनों) को प्राथमिकता दी थी।
टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण 1 मार्च, 2021 से शुरू हुआ, जो कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता आयु समूह वाले लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर केंद्रित था।
1 अप्रैल, 2021 को 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को वैक्सीन देने के लिए टीकाकरण में और ढील दी गई।