श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को कश्मीरी पंडितों की वापसी की सुविधा के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए, जो अपने घर को छोड़ने के लिए मजबूर हुए और अब देश के विभिन्न हिस्सों में बस गए हैं।
उपराज्यपाल ने कल शनिवार को आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण विभाग के कामकाज की समीक्षा की।इस समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को कश्मीरी पंडितों की वापसी की सुविधा के लिए सक्रिय कदम उठाने को कहा।
सिन्हा ने साफ कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि हजारों कश्मीरी प्रवासियों के अपने घर लौटने का सपना हकीकत में बदल जाए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कश्मीरी प्रवासियों की पूरी आबादी जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ पंजीकृत हो।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कश्मीरी प्रवासियों को सभी लाभ प्राथमिकता के आधार पर देने का निर्देश दिया। उपराज्यपाल ने बताया कि गांदरबल में ट्रांजिट आवास नवंबर 2021 तक पूरा किया जाएगा; शोपियां में निर्माण मार्च 2022 तक पूरा होगा; नवंबर 2022 तक बारामूला और बांदीपोरा में।
उन्होंने लचर अधिकारियों को भी चेताया और कहा कि सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में देरी, विकास कार्यों को स्वीकार नहीं किया जाएगा, जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सिन्हा ने कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए घाटी में विभिन्न ट्रांजिट आवासों को पूरा करने की निश्चित समय-सीमा, अनाधिकृत आवंटन रद्द करने के निर्देश जारी किए हैं।