भोपाल: कोरोना लॉकडाउन के सन्नाटे के बावजूद मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर एक करोड़ 29 लाख 28 हजार 379 मीट्रिक टन गेहूँ का बम्पर उपार्जन किया गया। यह देश के किसी भी राज्य द्वारा किये गए उपार्जन में सबसे अधिक है।
सरकार ने कहा है कि किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 25 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया गया, जो विगत वर्ष 2018-19 में किए गए भुगतान से लगभग 11 हजार करोड़ रूपये अधिक था। इस वर्ष भी 2021-22 के लिए किसानों ने अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन करा लिया है। उपार्जन का काम इंदौर और उज्जैन में 22 मार्च से और शेष स्थानों पर एक अप्रैल से प्रारंभ होगा।
तुरंत ऑन लाइन भुगतान
प्रदेश के 4 हजार 527 खरीदी केन्द्रों पर 15 लाख 55 हजार 453 किसानों से उनकी समर्थन मूल्य पर क्रय की गई उपज के भुगतान स्वरूप राशि ऑन लाइन उनके खातों में अंतरित की गई। इस वर्ष 2021-21 के लिए प्रदेश में 19 लाख 46 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पंजीयन कराया था। इसमें से 15 लाख 29 हजार किसानों ने 122 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का विक्रय किया। किसानों को सफल भुगतान के रूप में 16 हजार 183 करोड़ 77 लाख 21 हजार 757 रूपये की राशि ऑनलाइन भुगतान उनके खातों में पहुँचायी जा चुकी है।
निश्चित अवधि में लक्षित उपार्जन
कुल उपार्जित गेहूँ का 87.33 प्रतिशत यानी एक करोड़ 7 लाख 27 हजार 926 मीट्रिक टन गेहूँ का परिवहन किया जाकर उसे सुरक्षित गोदामों में भंडारित कराया गया। लॉक डाउन के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विपरीत परिस्थितियों में गेहूँ का निश्चित अवधि में उपार्जन मानसून को देखते हुए जरूरत के साथ एक उपलब्धि भी है।
छोटे एवं मध्यम किसान हुए लाभान्वित
इस एक वर्ष में प्रदेश के कुल पंजीकृत किसानों में से 13 लाख 80 हजार लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर विक्रय किया। इनमें लगभग 3 लाख 81 हजार सीमांत किसान शामिल हैं जबकि 5 लाख 41 हजार छोटे किसानों सहित 4 लाख 68 हजार मध्यम किसानों ने उपार्जन का लाभ लिया। लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने 86.57 मीट्रिक टन गेहूँ का विक्रय किया। इनमें से सीमांत किसानों ने अभी तक कुल 9 लाख 26 हजार मीट्रिक टन, छोटे किसानों ने 28 लाख 38 हजार मीट्रिक टन और मध्यम किसानों ने 48 लाख 93 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का समर्थन मूल्य पर विक्रय किया है। शेष गेहूँ बड़े किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया।
प्रदेश में अच्छे उत्पादन के चलते इस साल 16 लाख किसानों से बम्पर गेहूँ उपार्जन करके एक नया इतिहास बनाया गया है। इस तरह मध्यप्रदेश गेहूँ उपार्जन में देश का नंबर वन राज्य बना।
इस सफलता को पुन: दोहराते हुए प्रदेश में धान के उपार्जन का कार्य भी सफलता पूर्वक संपादित किया गया। इसी का परिणाम है कि जनवरी 21 तक 5 लाख 86 हजार से अधिक किसानों से 37 लाख 27 हजार मीट्रिक टन से अधिक मात्रा में धान उपार्जित किया गया। इसके अलावा 42 हजार 400 से अधिक किसानों से 2 लाख 24 हजार मीट्रिक टन से अधिक ज्वार एवं बाजरा भी समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। गेहूँ, धान एवं अन्य फसलों के उपार्जन के विरूद्ध 33 हजार करोड़ रूपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में अंतरित की गई।